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The Zoya Factor Review: सोनम कपूर और दुलकर सलमान की फिल्म है लक पर भारी पड़ते हार्डवर्क की कहानी

फिल्म- ‘द जोया फैक्टर’

कास्ट- सोनम कपूर, दुलकर सलमान

रेटिंग्स- 3.5 मूंस 

निर्देशक- अभिषेक शर्मा

मुंबई में रहने वाली जोया (सोनम कपूर) को उसके पिता (संजय कपूर) और भाई (सिकंदर खेर) बेहद लकी मानते हैं. ऐसे इसलिए क्योंकि जोया का जन्म की तारीख 25 जून 1983 है, जिस दिन टीम इंडिया ने अपना पहला वर्ल्ड कप जीता था. ऐसे में जोया की एंट्री इंडियन टीम में बतौर प्रोडक्ट मैनेजर होती है. जहां वो टीम द्वारा किये जाने वाले ऐड की कमान संभालती रहती है. हालांकि, टीम के साथ जब भी जोया होती है टीम अच्छा प्रदर्शन करती है और इस बात को समझने के बाद सभी उसे टीम में बतौर लकी चार्म शामिल करना चाहते हैं.

फिल्म में दुलकर सलमान जो कि टीम इंडिया के कैप्टन बने हैं, वह सोनम को पसंद करने लगते हैं और दोनों छुपकर के एक दूसरे को डेट करना शुरू कर देते हैं. वहीं दूसरी तरफ सोनम को टीम की तरफ से एक करोड़ का ऑफर मिलता है उनका लकी पाटनर बनने के लिए. हालांकि, सोनम इसके लिए मना कर देती है. फिल्म में अंगद बेदी ने टीम के पहले कैप्टन की भूमिका निभाई है, जो कि मन ही मन दुलकर के किरदार से जलता रहता है. अंगद के चढ़ाने पर सोनम दुलकर के साथ अपना ब्रेकअप कर लेती है और टीम इंडिया का लकी चार्म बन जाती है. लेकिन अपने दूसरे टीम मेंबर्स की तरह दुलकर को किसी लकी चार्म पर नहीं बल्कि अपनी मेहनत पर भरोसा होता है.

बता दे कि फिल्म की कहानी का कांसेप्ट अलग और हटकर है जिसकी वजह से लोग इसे जरूर पसंद करेंगे. वहीं बात करें किरदारों की तो इसमें साउथ सेंसेशन दुलकर सलमान ने कमाल के एक्टिंग की है. फिल्म में लीड रोल निभा रहे दुलकर को फिल्म की एक बड़ी स्ट्रैंथ भी कहा जा सकता है. फिल्म में दुलकर का लुक उनके फीचर्स और हाव-भाव बिल्कुल किसी क्रिकेट टीम के कप्तान जैसे लग रहे हैं. साथ ही सोनम कपूर का किरदार जोया उनकी ही तरह चुलबुला है. फिल्म के टाइटल और ट्रेलर को देखने के बाद दर्शकों को जरूर लगा होगा कि फिल्म पूरी की पूरी सोनम कपूर के किरदार के ऊपर आधारित होगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है. फिल्म देखने पर आपको महसूस होगा कि दुलकर का ज्यादा स्क्रीन स्पेस है. एक तरह से कहा जा सकता है कि सोनम ने दुलकर को फिल्म में उभर कर आने का मौका दिया है. सच कहे तो दुलकर सोनम पर एक्टिंग के मामले में थोड़े भारी पड़ते नजर आ रहे हैं. फिल्म में अंगद बेदी, संजय कपूर और सिकंदर खेर द्वारा निभाए गए किरदार छोटे हैं लेकिन अपनी -अपनी जगह अहम और खास हैं.

बात करें डायरेक्शन की तो अभिषेक शर्मा ने फिल्म में पूरी जान डालने की कोशिश की है. हालांकि फिल्म कई जगहों पर स्लो नजर आ रही है. लेकिन फिल्म की अलग तरह की कहानी दर्शकों को अपने साथ बांधे रखने में कामयाब रहेगी.

एक तरह से देखा जाए तो यह एक फैमिली एंटरटेनिंग फिल्म है. बता दे कि आजकल की जनरेशन को यह फिल्म जरूर पसंद आएगी. फिल्म की कहानी बाकी फिल्मों की कहानियों यानी इसका कांसेप्ट काफी हद टक कुछ हट कर है. फिल्म में अंधविश्वास को दिखाने के साथ-साथ यह भी बताया गया है कि मेहनत ही सब कुछ है बिना मेहनत के कुछ भी मुमकिन नहीं है.

(Source: Peepingmoon)

Written by: Nutan Singh 

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