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इंटरसेक्शनल के नजरिए से भी कहानियां कहने की जरूरत होती है क्योंकि हम एकतरफा पहचान से नहीं जी सकते हैं- नीरज घायवान और अदिति राव हैदरी

अदिति राव हैदरी और निर्देशक नीरज घायवान ने नेटफ्लिक्स एंथोलॉजी 'अजीब दास्तान' से उनकी शॉर्ट 'गीली पुच्ची' पर चर्चा की, जिसमें समलैंगिक संबंधों की जटिलताओं, जातिगत संघर्षों और पितृसत्ता पर रोशनी डाली गयी है और किसी भी किरदार को खलनायक नहीं बनाया. 

अदिति जो एक कन्फ्यूज्ड होमोसेक्शुअल किरदार में नजर आ रही है उनका कहना है, 'इस तरह का और सबसे महत्वपूर्ण किरदार निभाने में बहुत मज़ा आया क्योंकि मैंने कभी भी ऐसा कोई किरदार नहीं निभाया था. मेरे लिए शार्ट स्टोरी फॉर्मेट में ऐसा करना यह बिलकुल नया था. 

नीरज घायवन की शॉर्ट फिल्म 'गिली पुच्ची', सेम सेक्स लव की पुरानी कहानी पर आधारित है. फिल्म एक दलित फैक्ट्री वर्कर भारती मोंडोल (कोंकणा सेन) और एक ब्राह्मण डेटा अकाउंटेंट प्रिया शर्मा (अदिति राव हैदरी) के बारे में है. ये दोनों महिलाएं एक ही ऑफिस में काम करती हैं.  प्रिया के लिए सिर्फ भारती का प्यार और उसका साथ मायने रखता है लेकिन उसकी अपनी सच्चाई को स्वीकार करने की कीमत पर नहीं. 

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