हेमा मालिनी 70 वर्ष की हैं, लेकिन आज भी जब वो स्टेज पर डांस करने उतरती है तो सबका दिल जीत लेती है और एक बार फिर एक खास मकसद के लिए हेमा मालिनी स्टेज पर उतरेंगी. ये मौका बहुत ज्यादा खास होने वाला है, क्यूंकि देश के प्रधानमंत्री भी इस इवेंट में शामिल होंगे.
हेमा मालिनी, 22 जनवरी को वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के तहत गंगा के तट पर प्रदर्शन करने वाली हैं. जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से कई राजनीतिक, औद्योगिक और अन्य दिग्गज भी इस मेगा इवेंट का हिस्सा होंगे.
हेमा मालिनी ने अपने इस खास परफॉरमेंस के बारें में बात करते हुए बताया, 'ये खास इवेंट लंबे समय से मेरे दिमाग में था. मैं इसे चार-पांच साल पहले करना चाहती थी, लेकिन ये अब हो रहा है. ये केंद्रीय विदेश मंत्री- सुषमा स्वराज जी थीं जिन्होंने मुझसे कहा था कि आप गंगा पर डांस बैले कारो.'
आगे हेमा मालिनी का ये भी कहना हैं, 'मुझे संगीत की रचना करने के लिए अशित देसाई और आलाप देसाई मिले. रचनाएं फ्यूजन के साथ भारतीय संगीत है. कोरियोग्राफी भूषण लकंद्री ने की है, जिन्होंने मेरे सारे बैले किए हैं. वह उत्कृष्ट हैं और उन्होंने इस पर बहुत मेहनत की है. शेखर अस्तित्व, जो स्वर्गीय संगीतकार और गीतकार रवींद्र जैन के खास हैं, उन्होंने गीत के बोल लिखे हैं. लेखन में राम गोविंद ने शोध किया है जबकि देवदत्त पट्टनायक सलाहकार हैं.'
https://twitter.com/dreamgirlhema/status/1076778537963610112
इस खास बैले डांस के जरिये दिखाया जाएगा कि कैसे गंगा ने लोगों को मोक्ष प्रदान करने के लिए धरती पर अवतार लिया था. लेकिन जब वो पृथ्वी पर आईं तो मनुष्यों ने अपनी गंदगी से उन्हें ही बेमौत मारने की कुचेष्टा शुरु कर दी. इससे गंगा क्रोधित हो गईं और एक दिन उन्होंने धरती छोड़ स्वर्ग वापस जाने का फैसला कर लिया. इसके बाद धरती के लोगों को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने मां गंगा से क्षमा मांगी और उनसे धरती पर ही रहने की प्रार्थना की. गंगा पृथ्वीवासियों से ये वचन लेकर यहीं रहने के लिए तैयार हो जाती हैं कि आगे से वो उन्हें प्रदूषित नहीं करेंगे. यह पूरा कथानक नृत्य की अनेक शैलियों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा.