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किसी अभिनेता को ध्यान में रखकर कहानी नहीं लिखेंगी जोया अख्तर, पहली फिल्म बनाने में लग गए थे सात साल

डायरेक्टर जोया अख्तर ने मेलबर्न में आयोजित इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न में एक मास्टरक्लास के दौरान मानसिक बाधाओं को तोड़ने के बारे में बात की, जो एक लेखक को एक्टर्स को ध्यान में रखते हुए लिखने के लिए मजबूर करती है. नई कल्पना के अनुसार जोया अब इस मिथ को तोड़ना चाहती हैं. 

उन्होंने कहा, 'मुझे अपनी पहली फिल्म 'लक बाई चांस' बनाने में सात साल लग गए और छह एक्टर्स ने इस फिल्म को ना कहा था. यह फिल्म एक तय लीड पर्सन के बजट पर नहीं बनाई जा सकती थी'. उन्होंने आगे बताया कि कुछ भी संदेह में नहीं था. हालांकि कुछ इस बात पर स्पष्ट थे कि वे एक नैतिक रूप से महत्त्वपूर्ण किरदार नहीं निभाना चाहते थे और यह दूसरों को भी नहीं मिली. जोया अब इस इस धारणा से आगे बढ़ चुकीं है कि किसी किरदार के लिए एक तय एक्टर को ही चुना जा सकता है. 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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जोया ने बताया कि केवल 'गली बॉय' एक ऐसी फिल्म थी जिसमें उन्होंने पहली बार में अपने सभी एक्टर्स से हां करवा ली थी. उन्होंने आगे कहा, 'मैं फिल्में बनाने के लिए यहां हूं इसलिए अब मैं इस एसोसिएशन पर नहीं टिकी हूं कि मैंने यह भूमिका किसी विशेष एक्टर के लिए लिखी है'.

फिल्मों के अलावा, जोया ने अमेजॉन प्राइम वेब सीरीज 'मेड इन हेवन' को भी डायरेक्ट किया है. अब वह नेटफ्लिक्स की आने वाली एंथोलॉजी घोस्ट स्टोरीज में विजय वर्मा और जान्हवी कपूर द्वारा अभिनीत शॉर्ट फिल्म की तैयारी भी कर रही हैं.

(Source: DNA)

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