फिल्मकार अनुराग कश्यप फिल्में बनाने के लिए जाने जाते है. उन्होंने ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘देव डी’, ‘अगली’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ और ‘रमन राघव 2.0’ जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है. क्राइम बेस्ड फिल्में ही वो क्यों बनाते है इसके जवाब में उन्होंने पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘सिनेमा का निर्माण आपराधिक कहानियों को बयां करने के लिए ही किया गया था. अगर आप शीर्ष 100 फिल्में देखेंगे, तो उनमें शीर्ष 10 फिल्में अपराध विषय पर आधारित होंगी. यह सिनेमा बनाने के लिए एक बहुत ही अनुकूल विषय है.’
अनुराग ने आगे कहा, ‘मुझे बचपन से इस विषय (अपराध कथाओं) में रुचि थी. मैं ‘मनोहर कहानियां’ पढ़ कर बढ़ा हुआ. मैंने 14 साल की उम्र तक वेद प्रकाश शर्मा, सुरेन्द्र मोहन पाठक जैसे उपन्यासकारों की सभी कहानियां पढ़ ली थी. मुझे अपराध एक मनोरंजक विषय लगता है. ’
दरअसल अनुराग ‘मनोहर कहानियां’ पढ़ते हुए बड़े हुए, उन्होंने 14 साल की उम्र तक वेद प्रकाश शर्मा और सुरेंद्र मोहन पाठक जैसे नामचीन उपन्यासकारों की रचनाएं पढ़ ली थी तथा अपराध शैली के प्रति अपनी इसी रुचि को उन्होंने रुपहले पर्दे पर प्रदर्शित किया.