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अमिताभ बच्चन को आई पिता हरिवंश राय की याद, वीडियो शेयर कर लिखा- 'अकेले में बाबूजी और उनकी कविता को करता हूं याद'

लॉकडाउन के इस दौर में महानायक अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर काफी  एक्टिव हैं और रोजाना कुछ ना कुछ नया शेयर कर रहे हैं. लॉकडाउन के बीच वह लोगों को अवेयर करने के लिए लगातार पोस्ट कर रहे हैं. इस बीच उन्हें पिता हरिवंश राय बच्चन की कविता याद आ गई है. उन्होंने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह पिता की कविता सुना रहे हैं. 

इस वीडियो को शेयर करते हुए अमिताभ ने लिखा, 'इन अकेली घड़ियों में, मैं बाबूजी और उनकी कविता को याद करता हूँ, जो आशा भरी हैं, शक्ति सम्पूर्ण. गाने की धुन बिलकुल वैसी है जैसे बाबूजी कवि सम्मेलनों में गा के सुनाया करते थे. मैं उनके साथ होता था.'

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इस वीडियो में अमिताभ कहते है, ''है अंधेरी रात पर, दीया जलाना कब मना है, क्या घड़ी थी एक भी चिंता नहीं थी पास आई, कालिमा तो दूर छाया भी पलक पर थी न छाई, आंख से मस्ती झपकती, बात से मस्ती टपकती, थी हंसी ऐसी जिसे सुन बादलों ने शर्म खाई, वो गई तो ले गई उल्लास के आधार मानक, पर अधीरता के समय भी मुस्कुराना कब मना है, है अंधेरी रात पर, दीया जलाना कब मना है, क्या हवाएं थीं कि उजड़ा प्यार का वो आशियाना, कुछ ना आया काम तेरा, शोर करना गुल मचाना, नाश की उन शक्तियों के साथ चलता जोर किसका, किंतु ए निर्माण के प्रतिनिधि तुझे होगा बताया, जो बसे हैं वो उजड़ते हैं प्रकृति के जड़ नियम से, पर किसी उजड़े हुए को फिर बसाना कब मना है, है अंधेरी रात पर, दीया जलाना कब मना है..."

(Source-Twitter)

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