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'बॉयज लॉकर रूम' मामले पर बोली स्वरा भास्कर और ऋचा चड्ढा, फांसी पर लटकाना काफी नहीं, सोच पर वार करना जरुरी' 

दिल्ली के कुछ स्कूली छात्रों द्वारा इंस्टाग्राम पर बनाये गए ग्रुप चैट 'बॉय लॉकर रूम' का मामला बढ़ता जा रहा है. इस ग्रुप चैट में साउथ दिल्ली के कुछ स्कूली छात्र नाबालिग लड़कियों की फोटो का गलत इस्तेमाल कर बलात्कार जैसे घिनौने काम को बढ़ावा देने की बात करते हैं. 

मामला बढ़ता देख दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल और पुलिस तुरंत सख्त ही गई. दिल्ली साइबर सेल ने एक नाबालिग छात्र को पकड़ लिया है और उसके बाकी साथियों की भी पहचान हो गयी है. इस ग्रुप और 21 लोग है. सोशल मीडिया पर इन लड़कों के खिलाफ लोगों का गुस्सा फुट रहा है और सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है. ऋचा चड्ढा और स्वरा भास्कर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. 

स्वरा ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘#boyslockerroom हमें ये कहानी बता रही है कि कैसे कम उम्र में ही लड़कों में जहरीली पुरुषवादी सोच पनपना शुरू होती है. कम उम्र के लड़के खुशी-खुशी प्लान कर रहे हैं कि वो नाबालिग लड़कियों का कैसे यौन शोषण और सामूहिक यौन शोषण करेंगे. परिवार को और टीचर्स को इन बच्चों के साथ उनकी इस सोच के बारे में बातचीत करनी चाहिए. ऐसे जघन्य अपराध को रोकने के लिए सिर्फ दुष्कर्मियों को फांसी पर लटकाना काफी नहीं है. हमें उस सोच पर वार करना होगा जो किसी पुरुष को दुष्कर्मी बनाती है'. स्वरा के अलावा रिचा चड्ढा ने भी इस पर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है.  

 

 

ऋचा ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'यह एक बहुआयामी समस्या है. क्योंकि हमारी आबादी / नैतिकतावादी देश में अभी भी हर कोई यौन शिक्षा के बारे में व्यंग्य कर रहा है. किशोर यौन शिक्षा के लिए पोर्न को भ्रमित कर रहे हैं और अब डेटा फ्री है. कितना खतरनाक ? यह अगले पांच वर्षों में हमारे चेहरों में दुख की बात है, मुझे लगता है.

 

बालिका वधू फेम टीवी एक्टर शिशांक व्यास ने भी इस मामले को लेकर अपना गुस्सा ज़ाहिर किया है. स्पॉटव्बॉय से बातचीत में शिशांक ने कहा, ‘इस एक्ट को हल्के में नहीं लेना चाहिए. ऐसे लोगों के सामने जब तक कोई सख्त उदाहरण नहीं रखा जाएगा तब तक कोई ऐसी हरकत करने से नहीं डरेगा. कभी-कभी मुझे लगता है कि साइबर क्राइम एक शैतान है. सबसे पहले ऐसे पेजों को बैन किया जाना चाहिए, उसके बाद उन लोगों को भी जो इस पेज से जुड़े हैं या इसे चला रहे हैं. ताकी भविष्य में भी वो लोग ऐसी कोई प्रोफाइल न बना पाएं. मुझे लगता है पहली शिक्षा घर से आती है. लोगों को घर पर अच्छी शिक्षा देनी चाहिए. क्योंकि ज्यादार बच्चों कि हरकतें इस बात पर निर्भर करती हैं कि बच्चों को घर पर क्या सिखाया जा रहा है और वो क्या सीख रहे हैं’.  
 

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