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'मैं बॉलीवुड में दूसरों की तुलना में एक बड़ा आउटसाइडर हूं, मैं गांव से आया हूं और हिंदी मीडियम से पढ़ाई की है': पंकज त्रिपाठी

बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. पंकजने कई सालों की मेहनत के बाद नेम और फेम पाया है. इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और कभी हार नहीं मानी. बॉलीवुड में इस समय नेपोटिज्म, इंसाइडर्स वर्सेज आउटसाइडर्स और ग्रुपिज्म पर बहस छिड़ी हुई है.  जैसा की इंसाइडर्स वर्सेज आउटसाइडर्स डिबेट जोरों पर है, इसको लेकर लगातार स्टार किड्स को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा हैं. एक्टर पंकज त्रिपाठी बॉलीवुड को लेकर चल रही इस बहस के लिए एक दम सही उदाहरणों में से एक हैं. पंकज बॉलीवुड में एक आउटसाइडर हैं. बिना किसी कनेक्शन के पंकज ने इंडस्ट्री में अलग पहचान बनाई हैं. पंकज ता कहना है कि, 'मैं बॉलीवुड में दूसरों की तुलना में एक बड़ा आउटसाइडर हूं, मैं गांव से आया हूं और हिंदी मीडियम से पढ़ाई की है. फिर भी आज नाम है.'

एक लीडिंग वेबसाइट से पकंज ने फिल्म 'गुंजन सक्सेना: कारगिल गर्ल' में अपनी को-स्टार जान्हवी कपूर को स्टार किड होने पर ट्रोल करने पर कहा कि,'हम, मनुष्य के रूप में, हमारे अंदर सहानुभूति और दया होनी चाहिए. उसी समय कोई यह तय नहीं करता कि वे कहां पैदा होने वाले हैं, यह हमारे हाथ में नहीं है. मुझे लगता है कि दुनिया में संवेदनशीलता कम हो चुकी है और तथ्यों को सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाना मुश्किल है'

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अभिनेता पंकज त्रिपाठी कहते हैं कि, 'अगर कोई मेरे सामने है और मैं उनकी आलोचना करता हूं या उनका दुरुपयोग करता हूं, तो हम उनके रिएक्शन देख सकते हैं और यह कि उन्हें बुरा लगा. लेकिन सोशल मीडिया पर, आप नहीं जानते कि आपकी टिप्पणी दूसरे व्यक्ति को कैसे प्रभावित कर रही है. मैं किसी के साथ या उसके पक्ष में नहीं हूं, लेकिन हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हम क्रिएटिव रूप से सोशल मीडिया का उपयोग कैसे कर सकते हैं.'

इस बात पर सहमति जताते हुए कि स्टार किड्स इंडस्ट्री के बड़े लोगों तक आसानी से पहुंच सकते हैं, त्रिपाठी कहते हैं, 'फिल्मी परिवर के बच्चों को फायदा मिलता है सच है, मैं 24 साल से अभिनय कर रहा हूं. यह हो सकता है कि मेरे स्थान पर, कुछ फिल्मी परिवार के बच्चे अपनी पहली फिल्म से ही सही पहचाने जाते...लेकिन इंडस्ट्री में किसी को भी जमने के लिए प्रतिभा ही जरूरी है. शुक्रवार, शनिवार और रविवार, सोमवार के बाद जनता फिल्म देखने आती है, इसलिए नहीं कि कोई निर्माता, निर्देशक या स्टार का बच्चा है. एंड में मेहनत काम आती है बस'

(Source: Hindustam Time)

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