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गुड़ी पड़वा का दिन नए साल के आगमन और नई शुरुआत का प्रतीक है- माधुरी दीक्षित नेने 

आज गुड़ी पाड़वा के मौके पर माधुरी दीक्षित ने  बचपन की कुछ यादें ताजा की. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, 'गुड़ी पाड़वा हमारा नया साल है. यह नयी शुरुआत को दर्शाता है. मेरी मां रत्नागिरी से है.  बचपन की यादें वहां से जुड़ी है.   

 माधुरी ने कहा, 'मुझे याद है कि देर शाम रत्नागिरी में मैं अपने ग्रैंडपेरेंट्स के यहां जाती थी. गुड़ी पाड़वा की सुबह कोयलों की आवाज सुनते हुए उठती थी. जब आप शहर में पैदा होते हैं और पले-बढ़े होते हैं, तो इन बातों का मतलब बहुत ज्यादा होता है.अपने कजिन्स के साथ हम गुड़ी के लिए बाम्बू लेने के लिए बाहर जाते थे. फिर, हम इसे अपने घर के बाहर लगाने से पहले फूलों से नेकलेस से सजाते थे. सूर्यास्त में हम गुड़ी को भी सेलिब्रेट करते थे. 

एक्ट्रेस ने याद करते हुए बताया कि कैसे उनके दादा अपने खुद से काम करने में विश्वास रखते थे और हमेशा संस्कृति को प्रोत्साहित करते थे. उन्होंने कहा, 'वो हमें गोबर के उपले बनाने के लिए कहते थे. पूजा करने के बाद हम रंगोली बनाते थे फिर उसपर गुड़ी लगाते थे. चूंकि हमारे घर भैंसे थी इसलिए दूध घर का ही होता था. हम घर पर श्रीखंड बनाते थे. श्रीखंड पूरी बड़ी ट्रीट होती थी. हमारे कंपाउंड में नीम का पेड़ होता था हम उसकी पत्तियां तोड़ते थे. आजी उन पत्तियों को पत्थर पर पीसती थी, उसमें जीरा डालती थी और हमें खिलाती थी. वह कड़वा होता था लेकिन वह ध्यान रखती थी कि हम उसे छोड़े नहीं. ऐसा स्वास्थ्य कारणों से किया जाता था. सबसे मजेदार बात होती थी कि परिवार साथ होता था. हम पेड़ों पर चढ़ते, खेलते और खूब मस्ती करते थे. 

वर्तमान की बात करें तो माधुरी परिवार के साथ घर पर गुड़ी पाड़वा सेलिब्रेट करेंगी. एक्ट्रेस ने कहा,ने कहा, 'COVID-19 ने जीवन को विस्थापित कर दिया है. लोग इतनी कठिनाइयों से जूझ रहे हैं. इस नए साल का हर दिन एकांत, शांति और सद्भाव ला सकता है. सामान्य स्थिति के लिए प्रार्थना करें मैं सभी से अनुरोध करती हूं कि वे मास्क पहनें और सामाजिक दूरी का पालन करें. चलो सही काम करने की कोशिश करते हैं और मैं सभी को नव वर्ष की शुभकामनाएं देती हूं. 

 

(Source: ETimes)

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