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'Coolie No1' Review Row: कमाल आर खान को बॉम्बे हाईकोर्ट से लगा झटका, रिव्यू डिफेमेशन केस में वाशु भगनानी के खिलाफ किसी भी तरह के कमेंट करने से लगाई रोक

बॉलीवुड एक्टर, डायरेक्टर कमल आर खान अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. कमाल आर खान सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. कमाल राजनेता हो या सेलेब्स हर किसी पर आए दिन निशाना साधते रहते हैं. वहीं हाल ही में बॉम्बे हाईकोर्ट ने निर्माता वाशु भगनानी, उनके परिवार, उनके व्यवसाय, उनके पेशे के साथ-साथ उनकी सभी प्रोजेक्ट के खिलाफ विवादास्पद और अपमानजनक ट्वीट्स के लिए कमाल राशिद खान उर्फ ​​केआरके को रोक दिया है. 

बता दें कि, हाल ही में कमाल मे कई तरह के ट्वीट भगनानी परिवार के खिलाफ किए थे. केआरके के इन्हीं ट्वीट्स की बदौलत वासु भगनानी ने उन पर मानहानि का दावा किया था. भुगतान में एक करोड़ की मांग की थी. भगनानी ने अपनी शिकायत में लिखा था कि ये उनकी इमेज को खराब करने के लिए चलाया जा रहा कैम्पेन था.

बॉम्बे हाईकोर्ट के प्रतिबंध आदेश के बाद कमाल आर खान ने कहा उन्होंने कभी किसी को बदनाम करने की कोशिश नहीं की 

बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए केआरके को आदेश दिया कि वो अब वासु या उनके परिवार के खिलाफ ट्विटर पर कोई भी भ्रामिक बात नहीं कर सकते. अदालत के आदेश के अनुसार, एक निषेधाज्ञा जारी की गई है, मुकदमे के अंतिम निपटान को लंबित करते हुए, कि साधारण शब्दों में, प्रतिवादी के आरोपों और ट्वीट्स को प्रकाशित करने, प्रसारित करने या दोहराने से रोकना और / या बनाना, प्रकाशित करना, प्रसारित करना और / या रोकना है. वादी और / या उसके परिवार और / या उसके व्यवसाय, पेशे और / या उसकी परियोजनाओं के खिलाफ किसी भी मानहानि / निंदनीय टिप्पणियों और / या बयानों को जनता तक पहुंचाने पर रोक लगा दी. 
नाइक नाइक एंड कंपनी के संस्थापक अमीत नाइक ने कहा कि, 'सोशल मीडिया एक बहुत शक्तिशाली उपकरण है, जो कई अवसरों पर प्रतिष्ठित व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए दुरुपयोग किया जाता है. वहीं माननीय बॉम्बे हाईकोर्ट ने कमाल खान को वाशु भगनानी, उनके परिवार के सदस्यों, उनके व्यवसाय और उनकी परियोजनाओं के खिलाफ अपमानजनक और अपमानजनक टिप्पणी करने से रोकने का आदेश पारित किया है.'
वहीं बता दें कि, केआरके के वकील मनोज गड़करी ने मामले पर कहा था कि उनके क्लाइंट का ऐसा कोई इरादा नहीं था. उन्होंने जो कमेंट किए, वो केवल भगनानी द्वारा प्रड्यूस की गई फिल्मों के लिए थे. गड़करी ने जून 2019 में किए केआरके के ट्वीट्स का हवाला दिया. उन्होंने कहा था कि भगनानी ने अपना लॉ सूट काफी लेट फाइल किया, इसी आधार पर उसे रद्द कर देना चाहिए. हालांकि, कोर्ट उनके तर्क पर सहमत नहीं हुआ. कोर्ट ने कहा कि केआरके के ट्वीट्स देखकर लग रहा है कि वो फिल्म की नहीं, बल्कि भगनानी की आलोचना कर रहे हैं.

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