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जन्मदिन पर 'तब्बू' के साथ खास बातचीत

15 साल की उम्र में फिल्म 'हम नौजवान' से फिल्मीं करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री तब्बू आज अपना 45वां जन्मदिन मना रही हैं. जन्मदिन के मौके पर पीपिंग मून.कॉम से तब्बू की एक्सक्लूसिव बातचीत.

फिल्म 'फितूर' में कैटरीना की मां का किरदार निभाना कैसा रहा ?
हमने मैनेज कर लिया, कैटरीना बहुत ही स्वीट हैं. यह किरदार मेरे लिए चल्लेंजिंग भी था लेकिन डायरेक्टर अभिषेक ने काफी मेहनत की और आखिरकार हो गया.

फितूर में आपने रेखा जी को रिप्लेस किया और बहुत ही कम दिनों के भीतर आप इस फिल्म का हिस्सा बनी, तैयारी का भी वक्त नहीं मिल पाया होगा?
मेरे पास सिर्फ 2 दिन थें और वो 2 दिन सिर्फ बाल कलर करने में लग गए क्योंकि गट्टू (अभिषेक कपूर) को एक खास तरह का बाल चाहिए था, फिर मेरी हेयर और मेक अप टीम ने सबकुछ संभाला और किसी तरह से मैनेज किया. हां, तैयारी का समय तो बिल्कुल नहीं मिल पाया था. मेरी समझ में जो भी आया, मैंने गट्टू के हिसाब से कर लिया.

क्या असल जिंदगी में आपको गुस्सा आता है?
बिल्कुल आता है, ह्यूमन हैं तो गुस्सा आना स्वाभाविक है. गलत चीजों पर तो गुस्सा आना ही चाहिए. हर चीज पर मैं रिएक्ट नहीं करती, सोच समझकर ही जवाब देती हूं.

किन सवालों पर आपको गुस्सा आता है ?
आप इतनी कम फिल्में क्यों करती हैं? फिल्मों में इतना बड़ा गैप क्यों रखती हैं? फिल्मों के बीच में क्या करती हैं? आप पार्टीज में क्यों नहीं जाती? मुझे इन सवालों का जवाब देना अजीब लगता है .

अवार्ड्स मायने रखते है आपके लिए?
अवार्ड्स से ज्यादा फिल्म का चलना इम्पोर्टेन्ट होता है. अब तो बहुत सारे अवार्ड्स होने लगे हैं. अवार्ड्स को ध्यान में रखकर कभी भी फिल्म नहीं करती.

क्या एक्टर्स टाइपकास्ट हो जाते हैं ?
हां, ऐसा होता है, मैंने कई कॉमेडी फिल्में की हैं लेकिन फिर भी गंभीर काम ज्यादा अाता है. लोग अपने हिसाब से कास्ट करने लगे हैं.

आप ट्विटर पर आएंगी ?
इंस्टाग्राम, फेसबुक पर हूं, ट्विटर पर रोज टाइप करना मुश्किल है, इसलिए वहां नहीं हूं.

इश्क के मायने आपके लिए क्या हैं ?
अब समझ आता है की प्यार, मोहब्बत, इश्क अलग अलग चीजें हैं. इश्क पावरफुल जज्बा है, प्यार आप बिना शर्त करते हैं लेकिन वो बढ़ते बढ़ते बढ़ता है, देखते ही प्यार नहीं हो जाता. प्यार थोड़ी कम उम्र में होता है. प्यार जगह, सोच, और किसी आइडल से भी हो सकता है.

ऐसी कोई फिल्म और किरदार जो आपके करीब हो ?
मुग़ल-ए-आजम , मैं बहुत लकी हूं कि मुझे हर तरह के रोल मिले हैं. मुझे 'मधुबाला' जी की अदायगी पसंद है. मुझे दुख है कि मैं संजीव कुमार साब के साथ काम नहीं कर पाई.

असल जिंदगी में आप कितना शेर-ओ-शायरी पसंद करती हैं?
ऐसा बिल्कुल नहीं है, हम लोग कम उम्र में मुंबई आ गए थे और यहां रहने लगे थे, हमारी जबान उर्दू है लेकिन ऐसा नहीं है की शेर-शायरी करते रहते हैं. हमारी मातृभाषा उर्दू है.

संगीत का रियाज कर रही हैं ?
कुछ नहीं चल रहा है, मास्टरजी भी हैं, लेकिन मैं टाइम नहीं निकाल पाती हूं. फितूर के बाद मैं अपनी सिंगिंग शुरू करने वाली हूं .

इसके अलावा किन चीजों में रुझान हैं ?
मुझे ट्रेवल करना पसंद है और इच्छा है कि पूरे भारत का भ्रमण रोड पर करूं. शायद कोई ऐसी स्क्रिप्ट हो जो पूरे भारत को कवर करे.

बॉलीवुड में कोई ऐसा बदलाव जो आप देखना चाहती हैं ?
(हँसते हुए) अच्छा टाइम है, फीमेल एक्ट्रेस को सिर्फ दोपहर में शूटिंग पर बुलाना चाहिए. सिर्फ 4 घंटे शूटिंग होनी चाहिए. संडे को छुट्टी दे देनी चाहिए.

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