By  
on  

रणबीर कपूर के इंंडस्‍ट्री में हुए 10 साल पूरे, पढ़ें मां-पापा के साथ रणबीर का पहला इंंटरव्‍यू

वाकया है नवम्बर 2007 का. ठीक 10 साल पहले उस समय दीवाली के मौक पर दो फ‍िल्में बॉक्स ऑफि‍स पर भिड़ने को तैयार थीं - 'सांवरिया' और 'ओम शान्ति ओम'. इन दोनों फि‍ल्मों के साथ तीन स्टार्स बॉलीवुड में अपना डेब्यू कर रहे थे. एक तरफ 'ओम शान्ति ओम' से एंट्री हो रही थी किंगफि‍शर कैलेण्डर गर्ल, मॉडल और स्टार बैडमिंटन प्लेयर प्रकाश पादुकोण की बेटी दीपिका पादुकोण. वहीं दूसरी तरफ 'सोवरिया' से मौका मिल रहा था सुपरस्टार अनिल कपूर की बेटी सोनम कपूर और ऋषि-नीतू कपूर के बेटे रणबीर कपूर को. पूरा मीडिया मानों इन तीनों के इंटरव्यू के लिए जैसे पगलाया हुआ था. दो हीरोइनों के बीच रणबीर अकेले हीरो थे, इसलिए मीडिया का फोकस भी उन पर कुछ ज्‍यादा था. लेकिन 'साांवरिया' के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने उस समय फतवा जारी किया हुआ था कि रणबीर कोई मीडिया इंटरव्यू नहीं देंगे. मैंने ऋषि कपूर और नीतू कपूर का इंटरव्यू किया जो अपने बेटे के ग्रैंड डेब्यू पर  कैसा महसूस कर रहे होंगे. रणबीर को अपनी बातचीत और फोटोज में शामिल करना का मैंने सोचा हुआ था. पेश हैं उस इंटरव्यू के कुछ ख़ास अंश:

एक्टिंग ने रणबीर को चुना या कपूर होने के नाते रणबीर ने एक्टिंग को चुना?
रणबीर: मुझे लगता है यहां दोनों का मेल था. मैं हमेशा से ही एक्टिंग को लेकर जुनूनी था. और हमारे जैसे परिवार में पैदा होने के नाते मुझे लगता है कि एक्टिंग ने भी मुझे चुना.

नीतू: रणबीर हमेशा से ही आइने में खुद को निहारता था, अपने पापा की फि‍ल्मों के डायलॉग दोहराता था और हर बर्थडे पार्टी में एंटरटेनर होता था. मुझे हमेशा से लगता था कि ये बड़ा होकर एक्टिंग ही करेगा.

ऋषि: मुझे नहीं पता था कि रणबीर कब और कैसे ऐक्टर बनेगा या आरके फि‍ल्म्स या कोई और उसे लॉन्‍च करेगा. लेकिन “देवदास” देखने के बाद मुझे अपने पापा का काम याद आया और मैंने नीतू से कहा था कि यह डायरेक्टर हमारे बेटे के साथ बढ़िया काम कर सकता है. और अब “सांवरिया” के ज़रिए मेरी बात सच हो रही है.

रणबीर ने किसे तौर-तरीक़े या रंग-ढंग अपनाए हैं?
रणबीर:
मैं इसका जवाब देने के लिए अभी काफी नया हूं क्यूंकि मेरे काम पर अभी ऑडि‍यन्स की राय आना बाकी है. मैं अपने माता-पिता, अपने दादा और परदादा का काम देखकर बड़ा हुआ हूं. मेरे पापा एक नेचुरल ऐक्टर हैं, उनका कोई पर्टिकुलर स्टाइल नहीं हैं. मैं दिखने में अपनी मम्मी की तरह हूं लेकिन मुझे आवाज पापा जैसी मिली है.
ऋषि: मैं खुद एक ऐसा ऐक्टर हूं जो तौर-तरीकों से पूरी तरह जुदा है. मैं बिलकुल पसंद नहीं करूंगा अगर रणबीर किसी के तौर-तरीके अपनाएंगे.
नीतू: मुझे भी नहीं लगता कि रणबीर में किसी के स्टाइल की कोई झलक है.

अगर आज राज कपूर साहब जि‍ंदा होते तो रणबीर को किसने लाॅन्‍च किया होता?
ऋषि: संजय ने, क्यूंकि राज कपूर हीरोइन ओरिएंटेड फ‍िल्में बनाते थे.
रणबीर: राज कपूर.
नीतू: मुझे लगता है कि दोनों ही सही हैं.

नीतू और ऋषि अपने अपने फि‍ल्मी कैरियर की व्याख्या कैसे करेंगे?
ऋषि:
मैंने हमेशा अच्छा काम तलाशा है. और मैं आगे भी ऐसे अच्छे रोल करूंगा जिनका मिलना आसान नहीं होता.
नीतू: मैं तो एक्टिंग करना भूल ही चुकी हूं.
ऋषि: यह तुम क्या कह रही हो? एक्टिंग तो बिलकुल साइकिलिंग की तरह है, एक बार आ गयी तो फिर भूली नहीं जाती.
नीतू: मैं इससे इतना बाहर आ चुकी हूं कि वापस पता नहीं जाना हो या ना हो. हां शायद रणबीर के लिए मैं फिर से कोशिश करूं और अपनी कला को दोबारा याद करूं.

Recommended

PeepingMoon Exclusive