दिव्या भारती की आज बर्थ एनिवर्सरी है.अगर वह हमारे बीच होतीं तो 44 साल की हो चुकी होती.उनका जन्म 25 फरवरी को मुंबई में हुआ था.दिव्या का नाम बॉलीवुड की ऐसी अभिनेत्रियों में शुमार किया जाता है जिन्हें बहुत ही कम समय में सफलता पर सफलता मिलती चली गई.
सिर्फ 14 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत करने वाली दिव्या की पहली फिल्म तेलुगु थी जिसमें उन्होंने साउथ स्टार वेंकटेश के साथ काम किया था.इस समय उनकी उम्र मात्र 17 साल थी.मगर इस फिल्म से पहले उन्होंने काफी पापड़ भी बेले.वह कई फिल्मों के सेट्स और डायरेक्टरों के चक्कर काटा करती थीं लेकिन बात नहीं बन प् रही थी.कहीं न कहीं कोई अड़चन आती और दिव्या का फ़िल्मी करियर स्टार्ट होने से पहले ही अधर में लटक जाता.लेकिन उनकी स्ट्रगल को इसी तेलुगु फिल्म ने ख़त्म किया जिसका नाम बोबिली राजा था.यह फिल्म 1990 में रिलीज़ हुई थी.इस फिल्म से शुरुआत करने के बाद दिव्या ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
फिल्म जबरदस्त हिट साबित हुई और दिव्या को कई बड़े साउथ सुपर स्टार्स जैसे मोहनबाबू और चिरंजीवी के साथ काम करने का मौका मिल गया.इन फिल्मों के नाम 'राउडी अल्लुडू' और 'असेंब्ली राउडी' था.यह फिल्में भी एक के बाद एक हिट साबित हुईं और एक साल के अंदर तीन हिट फिल्में देकर दिव्या छा गईं.इसके बाद उनका बॉलीवुड करियर शुरू हुआ.अपनी फिल्मों में साइन करने के लिए निर्देशक टूट पड़े.दिव्या ने महज दो सालों में 14 से ज्यादा फिल्मों में काम करने का रिकॉर्ड बना डाला.अब तक किसी अभिनेत्री ने ऐसा नहीं किया था.
इसी बीच उनकी पहली हिंदी विश्वात्मा रिलीज़ हुई जिसका गाना सात समंदर पार आज भी लोगों के सिर चढ़कर बोलता है.इसके बाद गोविंदा के साथ आई शोला और शबनम,शाहरुख़-ऋषि कपूर के साथ आई दीवाना ने उन्हें जबरदस्त सफलता दिला दी.महज 19 साल की उम्र में ही दिव्या बॉलीवुड में अपना मुकाम हासिल करने में कामयाब हो गईं.इतनी जल्दी मिली सफलता से उन्हें हर डिसीजन जल्दबाजी में लेने की आदत भी हो गई.शादी का डिसीजन भी उन्होंने कुछ चौंकाने वाले अंदाज में लिया था.
शोला और शबनम की शूटिंग के दौरान जब वह फिल्ममेकर साजिद नाडियाडवाला से मिलीं तो उन्हें दिल दे बैठीं.दोनों ने चोरी छुपे शादी कर ली. लेकिन शादी के चंद महीने बाद उनकी रहस्यमयी हालत में मौत हो गई.इस मौत का राज आज तक कोई नहीं जानता लेकिन मौत के बाद उनके परिजनों द्वारा दिए गए एक इंटरव्यू में कहा गया कि 5 अप्रैल,1993 की रात जब उनकी मौत हुई तो वह अपने दोस्तों के साथ थीं.
उन्होंने घर पर फोन कर जानकारी दे दी थी कि वह अपने फैशन डिज़ाइनर के घर पर हैं जहां उन्हें कुछ जरुरी काम है.लेकिन कुछ समय बाद यहीं से फोन कर घर में जानकारी दी जाती है कि दिव्या बालकनी से गिर गई हैं.उन्हें आनन फानन में अस्पताल ले जाया जाता है जहां उनकी मौत हो जाती है.उनकी मौत से फिल्म इंडस्ट्री सकते में आ गई थी.उस वक्त वह 8 फिल्मों की शूटिंग कर रही थीं.
ऐसे में कुछ फिल्मों में उनकी हमशक्ल से शूटिंग कराकर फिल्म पूरी कराई गयी तो कहीं कुछ फिल्मों को दोबारा शूट करना पड़ा.दिव्या की एक फिल्म थी लाडला जिसमें वह मौत से पहले तक शूटिंग कर रही थीं.फिल्म अस्सी प्रतिशत तक शूट की जा चुकी थी लेकिन उनकी मौत के बाद इसे श्रीदेवी के साथ दोबारा बनाना पड़ा.रंग,शतरंज,मोहरा,विजयपथ,लाडला,हलचल,धनवान,आंदोलन,कर्त्तव्य,अंगरक्षक जैसी फिल्मों में दूसरी एक्ट्रेसेस को कास्ट कर लिया गया और फिर रिलीज़ किया गया वहीं कुछ फिल्में रिलीज़ ही नहीं हो पायीं.मौत के बाद उनकी तीन फिल्में रंग', 'शतरंज' और 'थोलि मुद्धू'रिलीज़ हुई थीं.फिल्म इंडस्ट्री को हमेशा दिव्या भारती को खोने का दुःख सताएगा.