चार साल बाद आज बॉम्बे हाई कोर्ट में नेस वाडिया और जिंटा आमने-सामने आए. इससे पहले की अदालत उनसे आगे पूछती प्रीती ने साफ़ कर दिया की अब वो नेस के खिलाफ कोई शिकायत नहीं चाहती हैं. जिसके बाद अदालत ने प्रीति जिंटा और नेस वाडिया विवाद पर अंत लगाते हुए एआईआर रद्द का आदेश दे दिया. इसके साथ अदालत ने दोनों पक्षों को इस मामले में मीडिया से बात करने से मना किया है.
इससे पहले मुंबई हाईकोर्ट ने एक्ट्रेस प्रीति जिंटा और उद्योगपति नेस वाडिया को 2014 के एक मामले को आपसी सलाह मशवरा से ‘रफा-दफा’ करने का सुझाव दिया था. अभिनेत्री प्रीति जिंटा ने 2014 में वाडिया के खिलाफ छेड़खानी की शिकायत दर्ज करवाई थी. इस मामले में 4 साल सुनवाई चलने के बाद जस्टिस रंजीत मोरे और जस्टिस भारती डांगरे की खंडपीठ ने इस मामले को खारिज करने की वाडिया की अर्जी पर सुनवाई करते हुए FIR रद्द करने का आदेश दिया है.
प्रीति के वकील ने अदालत से कहा था कि अभिनेत्री मामले को सुलझाने को तैयार हैं, बशर्ते नेस वाडिया माफ़ी मांगने के लिए तैयार हों. वैसे भी प्रीति लिखित माफ़ीनामे पर जोर नहीं दे रही हैं. इस बात पर नेस वाडिया के वकील अबाद पोंडा ने कहा था, "हम विवाद को खत्म करना चाहते हैं लेकिन मेरे मुवक्किल माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं. शिकायतकर्ता माफी मंगवाकर मीडिया का ध्यान आकृष्ट करना चाहती हैं."
जिसके बाद जस्टिस मोरे ने कहा, "अब (आपलोग) मामला आपस में रफा-दफा कर लें."
हाईकोर्ट की बेंच ने वाडिया और जिंटा को 10 अक्तूबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया और इसी दिन इस मामले को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा. जिसके बाद आज इस मामले का अंत हो गया.
इस मामले की शुरुआत 30 मई, 2014 को इंडियन प्रीमियर लीग मैच के दौरान वानखेड़े स्टेडियम में हुई थी. नेस और प्रीति किंग्स इलेवन पंजाब, आईपीएल टीम के सह मालिक हैं. शिकायत के अनुसार, वाडिया टिकट बांटने को लेकर टीम के स्टाफ को अपशब्द कह रहे थे. उस समय उनकी टीम जीत रही थी और जिंटा ने वाडिया से शांत होने को कहा. इस पर उन्होंने जिंटा को भी कथित रूप से अपशब्द कहे और उनका हाथ पकड़ा और कथित रूप से उनसे छेड़खानी की.
इस साल फरवरी में पुलिस ने वाडिया के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था, लेकिन वाडिया उसे खारिज करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट पहुंच गए और जिसपर 9 अक्तूबर को अंतिम फैसला सुनाया जा सकता है.