किंग खान शाहरुख की फिल्म जीरो को रिलीज से पहले एक बड़ी रहत मिली है. बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर याचिका वापस ले ली गई है. याचिकाकर्ता ने खुद अर्ज़ी देकर अदालत में कहा है की उन्हें फिल्म से कोई शिकायत नहीं है. जिस सीन पर सिख समुदाय को आपत्ति थी उसे दूर कर दिया गया है. ऐसे में वो नहीं चाहते हैं की फिल्म में ज़बरदस्ती रोड़ा डाला जाए.
वकील अमृतपाल सिंह ने फिल्म 'ज़ीरो' के एक सीन को लेकर कड़ी आपत्ति जताई थी और उसे लेकर एक याचिका भी दायर भी की गयी थी. याचिका में कहा गया था कि शाहरुख ने गत्र कृपाण पहनकर सिख धार्मिक भावनाओं का मजाक उड़ाया है. बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी फिल्म के मेकर्स के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार किया था.
अमृतपाल सिंह खालसा ने कहा कि, हमारी जो आपत्ति थी उसे लेकर खुद शाहरुख़ खान कि तरफ से उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि, ये जान बझकर नहीं किया गया है. और तो और उस दृश्य को फिल्म के हर हिस्से से हटा लिया गया है जिस पर हमें आपत्ति थी. इतना ही नहीं फिल्म के निर्माताओं ने उन सभी पोस्टर को भी वापस ले लिया है जिसे लेकर ये विवाद शुरू हुआ था. हम उनके भरोसे से संतुष्ट हैं इसी लिए हमने याचिका वापस लेने का फैसल किया है.
अदालत के समक्ष कहा गया था की ये मामला सिख कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन का है. जो किसी धर्म विशेष का स्पष्ट रूप से मजाक उड़ाना है. मेकर्स हमारे विश्वास और धार्मिक भावनाओं को इस सीन से नुकसान पहुंचा रहा है. मुझे लगता है कि सिखों को अनुच्छेद 25 के तहत कृपाण पहनने और ले जाने का विशेषाधिकार दिया जाता है. इसलिए वह स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 25 का उल्लंघन कर रहे हैं
दरअसल, फिल्म के पोस्टर और ट्रेलर के एक सीन में शाहरुख को कृपाण पहने दिखाया गया है. इस सीन पर आपत्ति जताते हुए कई सिंख संघटनों ने विरोध जताया था. कृपाण को साधारण चाकू की तरह इस्तेमाल कर शाहरुख ने जो सिख ककार को छोटा दिखाया है और हमारी भावनाएं आहत की हैं, इसके लिए उन पर लानत है.