फिल्म प्रोड्यूसर विंता नंदा रेप केस में एक्टर आलोक नाथ की अग्रिम जमानत अदालत ने खारिज कर दी है. याचिका पर मुंबई की सेशन कोर्ट ने अपना आर्डर 26 दिसंबर तक फैसला सुरक्षित रख लिया है. मुंबई पुलिस ने विंता नंदा की शिकायत पर एक्टर आलोक नाथ के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 376 के तहत केस दर्ज कराया था. एक बार फिर अदालत ने अलोक नाथ के बारे में जानकारी चाही लेकिन इस बार भी वो अदालत में मौजूद नहीं थे.
राइटर विनता नंदा ने सोशल मीडिया इ ज़रिये सबसे पहले आलोक नाथ पर इल्जाम लगाया था कि उन्होंने न सिर्फ उनके साथ जबरदस्ती की बल्कि कई बार मार-पीट भी की. मामला साल 1990 के दशक था जब विंता मशहूर टीवी शो 'तारा' कर रहीं थीं. इसके बाद राइटर और प्रोड्यूसर विंता नंदा द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोपों को चुनौती देते हुए एक्टर आलोक नाथ कोर्ट तक पहुंच गए थे और विंता के खिलाफ मानहानि का केस भी कर दिया था.
इसके बाद विंता ने आलोक नाथ के खिलाफ मुंबई के ओशिवरा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी. विंता नंदा की शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी. जब अलोक नाथ को कहीं से राहत नहीं मिली तो उन्होंने मुंबई दिंडोशी सेशन कोर्ट में अग्रिम ज़मानत की याचिका लगाई थी. जहाँ उनके वकीलों ने इस पूरे मामले को मनगढंत बताया था. मगर इस पारा विंता की ओर से उनकी वकील ने कहा था की अलोक इस मामले को टालने और लंबा खींचने के इरादे से कुछ भी कह रहे हैं. उन्हें पुलिस बुला रही है लेकिन वो सामने नहीं आ रहे हैं.
अब बुधवार को अदालत अपना फैसला सुनाएगी. अगर अदलात से अलोक नाथ को किसी तरह की राहत नहीं मिलती है तो उन्हें पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करना पड़ेगा.