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सलेम की फिंगरप्रिंट्स देख पंडित ने की थी भविष्‍यवाणी, महिलाओं की वजह से जाएगा जेल

1993 को मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में मुंबई की स्पेशल टाडा कोर्ट ने अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई है. सलेम को हथियार सप्लाई करने के मामले में दोषी पाया गया है. उस पर 2 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. आपको बता दें कि एक ज्‍योतिषी ने पहले ही भविष्‍यवाणी कर दी थी कि अबू सलेम को उम्र कैद की सजा सुनाई जाएगी. दरअसल जब अबू सलेम 1993 मुंबई ब्‍लास्‍ट में दोषी पाए गए थे तब ज्‍योतिषी साहू पंड‍ित ने यह बिना जानें कि यह फिंगरप्रिंट्स अबू की हैं ये बता दिया था कि इस शख्‍स को जेल में सज़ा काटनी होगी. इसके साथ ही जो घट चुका है और जो घटने वाला है सब डिटेल में बता दिया था.

फिंगरप्रिंट्स देख बताया था बॉलीवुड चकाचौंध ले डूबेगा
2005 में सीनियर जर्नलिस्‍ट निशांत ए भूसे ने इस पूरे मामले की पड़ताल की तो उनकी मुलाकात पंडित साहू से हुई. निशांत ने पंडित के सामने एक फिंगरप्रिंट्स की कॉपी रख कहा कि ये एक जानकार की उंगलियों के निशान हैं और ये परेशानी से जूझ रहे हैं इनके बारे में बताइए. पंडित साहू ने उसी वक्‍त बता दिया था अबू को उम्र कैद होगी. इसके जेल जाने की वजह ग्‍लैमर वर्ल्‍ड की महिलाओं से संबंध और बॉलीवुड की चकाचौंध है. उन्‍होंने फिंगरप्रिंट्स देख यहां तक बता दिया था 1993 ब्‍लास्‍ट में इस शख्‍स का हाथ नहीं है पर इसे फंसाया गया है. इसके साथ ही उन्‍होंंने उस वक्‍त बता दिया था कि इस शख्‍स पर दो बार जेल में हमला होगा.

जेल से रिहा होकर होगा अबू का 'पुर्नजन्‍म'
आज सजा सुनाने के बाद पंड‍ित साहू ने भविष्‍यवाणी कर डाली है कि जब जेल से बाहर निकलेंगे तो एक साफ सुथरी छवि के साथ बाहर आएंगे. उनका गैंगस्‍टर से कोई ताल्‍लुक नहीं रहेगा. जेल से रिहा होने के बाद एक नया जीवन बिताते नजर आएंगे.

इस वजह से नहीं होगी अबू को फांसी
अबू सलेम के मामले में प्रत्यर्पण संधि के तहत फांसी की सज़ा नहीं मांगी जा सकती, इसलिए उसे उम्र कैद की सज़ा दी गई है. सलेम के मामले में भारत और पुर्तगाल के बीच हुए समझौते और प्रत्यर्पण संधि की अहम भूमिका रही है. इसकी कहानी आज से करीब 12 साल पहले शुरू हुई थी. भारत ने तीन साल जारी रही कानूनी लड़ाई के बाद अबू सलेम और मोनिका बेदी को लिस्बन से भारत लाने में कामयाबी हासिल की थी. लिस्बन पुलिस ने सितंबर 2002 में फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों पर सफ़र करने की वजह से सलेम और मोनिका बेदी को गिरफ़्तार कर लिया था. लेकिन भारत और पुर्तगाल के बीच उस वक़्त कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं थी, इस वजह से भारत को सलेम को लाने के लिए नवंबर 2005 तक का इंतज़ार करना पड़ा. सलेम और मोनिका को भेजने के वक़्त पुर्तगाल ने ये शर्त रखी कि जिस व्यक्ति को वहां से भारत भेजा जाएगा, उसे सज़ा-ए-मौत या फिर 25 साल से ज़्यादा कैद की सज़ा नहीं सुनाई जा सकती.

फोन पर शुरू हुई थी मोनिका-अबू की लव स्टोरी
मोनिका और सलेम की प्रेम कहानी की शुरुआत फोन पर हुई थी.तब मोनिका को ये भी नहीं पता था कि अबू सलेम कौन है.वो सिर्फ दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील के नाम जानती थी.सलेम ने उन्हें दुबई में एक स्टेज शो करने के लिए फोन किया था. फोन पर सलेम ने खुद का नाम नहीं बताया था. खुद को बिजनेसमैन बताते हुए उसने मोनिका से बात की थी. इस इनविटेशन के बाद इसी शो के सिलसिले में लगातार कुछ दिनों तक दोनों की बात होती रही.मोनिका के मुताबिक़ सलेम का बात करने का अंदाज उसे बहुत अच्छा लगता था और वो बिना उससे मिले ही उसे पसंद करने लगी थी.

पहली पत्‍नी से तलाक के बाद मोनिका के प्‍यार में पागल हुआ अबू
अबु सलेम की पहली शादी समीरा जुमानी से हुई थी. इससे दो बच्चे होने के बाद में अबु सलेम का तलाक हो गया. इस समय समीरा अमेरिका के जोर्जिया में रह रही हैं. बाद में मोनिका को देखने के साथ ही अबु सलेम उस पर फिदा हो गया. फिल्म अभिनेत्री मोनिका बेदी के प्यार में पागल सलेम उसे साथ ले विदेश फरार हो गया था. 20 सितंबर, 2002 को इंटरपोल की मदद से पुर्तगाल में उसे मोनिका बेदी के साथ गिरफ्तार किया गया था. सलेम ने दावा किया था कि साल 2000 में लॉस एंजिलिस की एक मस्जिद में मोनिका बेदी के साथ उसकी निकाह हो चुकी है. हालांकि मोनिका ने इससे इन्कार करते हुए कहा था कि मैं सलेम के साथ रही हूं लेकिन हमारा निकाह नहीं हुआ.

सलेम का जन्म 1960 के दशक में यूपी के आजमगढ़ जिले में सराय मीर नामक गांव में हुआ था. उसका पूरा नाम अबू सलेम अब्दुल कय्यूम अंसारी है.

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