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जितेंद्र पर लगे यौन शोषण के आरोप को वकील ने बताया बेतुका

अभिनेता जितेंद्र पर उनकी कज‍िन ने 47 साल पहले यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. हालांकि साठ के दशक के स्टार अभिनेता रहे जितेंद्र ने आरोप को निराधार और बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया. शिकायतकर्ता ने हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को दी गई शिकायत में कहा है कि घटना शिमला में जनवरी 1971 में हुई थी जब वह 18 वर्ष की थीं जबकि अभिनेता की आयु 28 वर्ष थी.

शिकायतकर्ता ने कहा कि जितेंद्र ने पीड़ित के लिए नयी दिल्ली से शिमला आने की व्यवस्था’ की थी ताकि वह उस सेट पर आ सके जहां वह एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि रात में शिमला पहुंचने पर जितेंद्र नशे की हालत में उसके कक्ष तक पहुंचे तथा दो बिस्तरों को आपस में जोड़ा और उसका यौन उत्पीड़न किया. अभिनेता ने इस बात से इनकार किया कि ऐसी कोई घटना हुई थी.

पुलिस सूत्रों ने यहां बताया कि कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है क्योंकि शिकायत डीजीपी को ईमेल की गई है. जितेंद्र के वकील रिजवान सिद्दिकी ने मुम्बई में जारी एक बयान में कहा कि आरोप ‘‘निराधार और बेतुका’’ है. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘सबसे पहले मेरे मुवक्किल ऐसी किसी भी घटना से इनकार करते हैं. इसके अलावे ऐसे निराधार, बेतुके और मनगढ़ंत दावों पर किसी अदालत या कानून प्रवर्तन एजेंसी द्वारा लगभग 50 वर्ष के अंतराल के बाद गौर नहीं किया जा सकता.'

र‍िजवान ने कहा, 'सबसे पहले तो मेरा क्लाइंट ऐसी किसी भी घटना स्पष्ट रूप से इनकार करता है. इसके अलवा, 50 वर्ष के बाद ऐसे आधारहीन, मनगढ़ंत दावों को किसी भी न्यायालय या कानूनी प्रवर्तन एजेंसी द्वारा स्वीकार नहीं किया जा सकता. पहले ही यह कानून है कि ऐसी घटनाओं को अधिकतम तीन वर्ष के भीतर रिपोर्ट किया जाना चाहिए ताकि जांच सही ढंग से की जा सके और समय पर न्याय दिलाया जा सके. इसके अलावा, मैं यह विशेष तौर पर स्पष्ट करना चाहता हूं कि कानून किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार या स्वतंत्रता नहीं देता कि वह किसी भी व्यक्ति के खिलाफ उसे बदनाम करने के मकसद से सार्वजनिक तौर पर आधारहीन या मनगढ़ंत आरोप लगाए. इसलिए मीडिया को ऐसे आधारहीन, मनगढ़ंत दावों को ज्यादा महत्व नहीं देने की सलाह दी जाती है और उन्हें किसी व्यक्ति के चरित्र हनन या बदनाम करने में किसी तरह से शामिल नहीं होना चाहिए.'

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