सीडीआर मामले में छूटने के बाद वकील रिजवान सिद्दीकी ने सीधे ठाणे पुलिस पर हमला बोला है. रिजवान का आरोप है कि उन्हें किसी को बचने के लिए बल्कि का बकरा बनाया गया है. जो इस मामले में असली आरोपी हैं उन्हें राजनैतिक सरंक्षण मिला हुआ है, इसीलिए पुलिस ने उनपर हाथ नहीं डाला. लेकिन ठाणे पुलिस को गलत तरीके से उन्हें गिरफ्तार करने का खामियाज अदालत में उठाना पड़ेगा. वो अपनी गिरफ़्तारी के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे और उन लोगों को बेनकाब करेंगे, जिन पर हाथ डालने की कोशिश पुलिस ने नहीं कर पाई.
रिजवान ने नवाज का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों-इशारो में ये जरूर कह डाला कि नवाज पर हाथ इसलिए नहीं डाला गया, क्योंकि वे बाला साहब पर बनाने वाली फिल्म के एक्टर हैं. उन्होंने कहा, 'अगर पुलिस को मैं आरोपी दिखाई दे रहा था, तो अब तक नवाज़ुद्दीन और उनके भाई शमास से पूछताछ करने की हिम्मत पुलिस क्यों नहीं दिखा पाई?' अब वो उन तमाम सुबूतों को अपनी याचिका में अदालत में पेश करेंगे, जिसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
इससे पहले अदालत ने बेहद सख्त रूख अपनाते हुए ‘बॉम्बे हाईकोर्ट' ने रिजवान सिद्दीकी को 5 बजे से पहले रिहा करने का आदेश दिया था. जिसके बाद पुलिस को उन्हें अपनी हिरासत से रिहा कर दिया था.
अब नवाज के वक़ील की गिरफ़्तारी के नवाज़उद्दीन पर भी गिरफ़्तारी की तलवार लटकने लगी है. ठाणे क्राइम ब्रांच अधिकारियों की मानें तो रिज़वान नें ख़ुलासा किया है कि उन्होंने जो कुछ भी किया नवाज़ के कहने पर किया था.
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने पीपिंग मून से बातचीत में इससे पहले बताया था, ‘मेरे ऊपर लगे सभी आरोप झूठे हैं. मेरे पत्नी के साथ अच्छे संबंध हैं, तो मुझे जासूसी कराने की जरूरत नहीं है. देखिए पत्नी मेरे साथ घूमकर आ रही है. सब झूठ है.’ वहीं पत्नी अंजली उर्फ आलिया सिद्दीकी ने भी कहा, ‘ मुझे पति पर भरोसा है पुलिस पर नहीं. मुझे कोई समन नहीं भेजा गया.’