अभिनेता राजपाल यादव की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है. आज दिल्ली की कड़कड़ूम्मा कोर्ट ने उन्हें चेक बाउंसिंग मामले में छह महीने की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने उनपर 1.60 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है लेकिन एक्टर के लिए राहत की बात ये रही की अदालत ने उन्हें बाद में जमानत दे दी.
राजपाल यादव पर आरोप है की उन्होंने फिल्म 'अता पता लापता' की मेकिंग के दौरान जो चैक जारी किए थे वो सब बाउंस कर गए थे. जिसके बाद उनपर चेक बाउंसिंग का मामला चला और अदालत ने राजपाल को दोषी करार दिया था. आज उन्हें सजा सुनाई जानी थी. एक्टर पर करीब चैक बाउन्सिंग के 7 मामले दर्ज कराए गए थे, जो दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में चल रहे थे. अपनी फिल्म के वो प्रोडूसर थे और उसी दौरान उन्होंने दिल्ली की एक कंपनी से 5 करोड़ रुपए उधार लिए थे और वो ये पैसा वापस करने में नाकाम रहे.
यह है मामला
लक्ष्मी नगर स्थित मुरली प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने अप्रैल 2010 में सात चेक बाउंस होने पर प्रीत विहार थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायतकर्ता ने कहा था कि राजपाल यादव ने 'अता पता लापता' फिल्म बनाने के लिए पांच करोड़ रुपये उधार लिए थे। 2 नवंबर 2012 को यह फिल्म रिलीज भी हो गई, लेकिन उन्होंने उधार लिए पैसे नहीं चुकाए।