पनवेल और नवी मुंबई पुलिस ने उस गुमनाम लाश का रहस्य सुलझा लिया है जो करीब एक महीने से अस्पताल के मुर्दाघर में पड़ी थी. पुलिस ने इस मामले में एक फिल्म प्रोड्यूसर को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने दो बॉडीगार्ड के साथ मिलकर इस कत्ल को अंजाम दिया था. गिरफ्तार प्रोड्यूसर मृतक का मौसा भी है, जिसने अपनी बहु को पाने के लिए इतनी बड़ी साज़िश को अंजाम दिया. पुलिस ने हत्या के लिए इस्तेमाल की गई पिस्तौल व कार को जब्त किया है.
पुलिस के मुताबिक, 28 अप्रैल 2018 को पनवेल के देहरंग जलाशय के पास से एक युवक का शव पुलिस ने बरामद किया था. युवक के शरीर में कई गोलियां मारी गई थी जिस वजह से उसकी पहचान नहीं हो पा रही थी. मरने वाले की उम्र करीब 21 साल के आस पास थी. देखकर ही लग रहा था किसी ने युवक से अपनी दुश्मनी निकाली है. लाश के सिर पर भी दो गोलियां मारी गई थी ताकि उसकी पहचान ना हो सके.
पुलिस ने कई कोशिश की लेकिन इस युवक की शिनाख्त नहीं हो पाई थी. जिसके बाद इस केस को सुलझाने के लिए नवी मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नगराले ने 4 टीम का गठन किया गया था. टीम ने मुंबई, ठाणे व पुणे में लापता हुए लोगों की जानकारी एकत्र की. कई कोशिश के बाद भी पुलिस के हाथ कुछ खास नहीं लगा. बीच जांच में टीम से जुड़ा एक अधिकारी पुणे से मुंबई आ रहा था तब उसकी नजर स्टेशन पर लगे एक मिसिंग पोस्टर पर पड़ी. जब उसने उस पोस्टर पर लिखे मोबाइल नंबर पर बात की तो कुछ हद तक तस्वीर साफ हो गई पता चला कि जिस लाश की पहचान लिए पुलिस परेशान थी वो पुणे के येरवड़ा का निवासी है. इसके बाद पुलिस ने मृतक के भाई को बुलाकर उसकी शिनाख्त कराया.
पत्नी ने लिखाई थी लापता होने की शिकायत
तफ्तीश में सामने आया कि, पुणे यरवदा में रहने वाले ओंकार कुंदन आरणे (21) के लापता होने की शिकायत उसकी पत्नी ने यरवदा पुलिस स्टेशन में की थी. वो अपनी पत्नी के साथ नवी मुंबई जाने को निकला था लेकिन वो अचानक लापता हो गया. ओंकार के भाई अनिकेत आरणे ने पुलिस को जानकारी दी की वो पनवेल में रहने वाली मौसी के पति नहुश कुमार कोली से मिलने वाला था. नहुश फिल्म प्रोड्यूसर हैं और ओंकार उन्हें काम लिए बोला था.
मौसा और पत्नी का अनैतिक संबंध बना कत्ल का कारण
पहले तो ओंकार के मौसा ने उससे मिलने से इंकार कर दिया लेकिन एक बुलेट ने कत्ल की गुत्थी सुलझा दी. तफ्तीश में सामने आया कि ओंकार की पत्नी के साथ नहुश कुमार कोली का अवैध संबंध था. जिसकी जानकरी ओंकार को लग गई थी. वो इस बारे में अपनी मौसी को भी बताना चाहता था. इसीलिए ओंकार को अपने रास्ते से हटाने के लिए उसने उसे पनवेल बुलाया था. जहां से अपनी कार में बैठाकर वह ओंकार को पनवेल -माथेरान स्थित देहरंग जलाशय के पास ले गया था. वहां पर जब ओंकार कार से उतारकर पिशाब के लिए गया तो नहुशकुमार ने अपने अंगरक्षक धरमवीर सिंह के साथ मिलकर ओंकार की गोली मार के हत्या कर दी.
लेकिन यहां नहुश से एक गलती हो गई, वो अपने पास दो पिस्तौल रखता था एक रुआब दिखाने के लिए फिल्म में इस्तेमाल होने वाला तो दूसरा उसके पिता का लाइसेंसी पिस्टल था. हड़बड़ी में उसने पहली दो गोली ओंकार को मारी तो वो पलट कर उनकी तरफ भागा तब उसे समझ आया फिर उसके दूसरे अंगरक्षक नगेंद्रसिंह परिहार की पिस्तौल का इस्तेमाल किया और ओंकार को मौत की नींद सुलाकर वहां से फरार हो गया. इस मामले में इन तीनों को गिरफ्तार किया गया है.