मुंबई के दिंडोशी सेशन कोर्ट ने एक्टर अलोक नाथ को बड़ी राहत दी है. सेशन अदलात ने अलोक नाथ की अग्रिम ज़मानत क याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें ज़मानत दे दी है. इसके साथ अदालत ने अलोक नाथ पर कई पाबंदियां बह लगायीं हैं. उन्हें मीडिया से बात न करने की सलाह दी गयी है. इसके इलावा अदालत ने उन्हें ये भी हिदायत दी है कि जब कभी भी पुलिस उन्हें बुलाएगी उन्हें हाज़िर रहना होगा. इतना ही नहीं वो बिना पुलिस और अदालत कि जानकारी के शहर या देश से बाहर नहीं जा सकते.
इस मामले में बीते 26 दिसंबर को सुनवाई की गई थी जिसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
राइटर डायरेक्टर विंटा नंदा ने एक्टर अलोक नाथ के खिलाफ #MeeToo कैम्पेन के तहत मुंबई के ओशिवारा पुलिस ठाणे में शिकायत दर्ज कराई थी. जिसके बाद अलोक नाथ अदालत गए थे, लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली. जैसे ही मुंबई पुलिस ने एक्टर को पूछताछ के लिए समन किया वो गायब हो गए थे. बाद में उनके वकीलों ने मुंबई दिंडोशी सेशन कोर्ट में अग्रिम ज़मानत कि याचिका लगाईं थी. उनके वकीलों कि तरफ से ये याचिका 13 दिसंबर को दायर की गयी थी. इस मामले में तीन सुनवाई के बाद अदालत ने अपना आर्डर सुरक्षित रखा था.
शिकायतकर्ता विंटा नंदा की तरफ से उनकी वकील ने अलोक नाथ को अग्रिम ज़मानत दिए जाने का पुरजोर विरोध किया था. मामले में हुई बहस के दौरान आलोक नाथ के वकील ने सभी आरोपों को गलत बताया. लेकिन विंता नंदा के वकील ने कहा कि अगर आलोक नाथ पर लगे आरोप सही नहीं हैं तो वो कानून का सामना करने से क्यों डर रहे हैं?