मुजफ्फरपुर की एक स्थानीय अदालत ने मंगलवार को अनुपम खेर और अक्षय खन्ना और अन्य के खिलाफ फिल्म 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' में सार्वजनिक लोगों को खराब रोशनी में चित्रित करने के लिए दायर एक याचिका के संबंध में एक एफआईआर का आदेश दिया.
पिटीशनर सुधीर ओझा ने IPC धारा 295, 153, 153A, 293, 504 और 120B के तहत ये कहते हुए शिकायत दायर की थी कि उन्होंने बायोपिक के प्रोमो को देखकर हर्ट महसूस किया है 'जो देश की खराब छवि पेश कर रहा है'
सुधीर ओझा का आरोप है कि ये फिल्म विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने, शांति भंग करने और आपराधिक षड्यंत्र को भड़काने के इरादे से बनाई गई है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल पर आधारित इस फिल्म के 11 जनवरी को रिलीज होने की उम्मीद में है. फिल्म का टीजर दिसंबर में जारी किया गया था जिसके बाद से ही फिल्म को लेकर हंगामा हो रहा है.
सुधीर ओझा की याचिका पर सुनवाई के बाद सब डिविजनल जज (पूर्व) गौरव कमल ने शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज करने के लिए जिले के कांटी थाने को निर्देश दिया.