'बाहुबली' के चर्चित लेखक मनोज मुंतशिर खुद को जन्मजात कवि के रूप में वर्णित करते हैं, लेकिन उनका कहना है कि किताब प्रकाशित करवाना एक भयावह अनुभव रहा।
मनोज मुंतशिर ने आईएएनएस को बताया, "मैं एक जन्मजात कवि हूं। इसलिए संग्रह को प्रकाशित करने का खयाल हमेशा जहन में रहा, लेकिन किताब को प्रकाशित करवाने और उसकी हस्ताक्षरित प्रतियों को उपहार के रूप में वितरित करना भयावह अनुभव रहा।
उनकी नई किताब 'मेरी फितरत है मस्ताना' हाल ही में प्रकाशित हुई है।
मनोज मुंतशिर ने कहा, "पिछले दो वर्षों से, हर दिन मैंने अपनी सभी कविताओं को किसी पुस्तक में संकलित करने की मांग देखी है। जब मुझे इस बात पर विश्वास हो गया कि मेरी पुस्तक खरीदने के लिए मेरे पास पर्याप्त पाठक हैं, तो मैंने इसे प्रकाशित कराने का फैसला किया।"
किताब की रचना करने की अपनी यात्रा के बारे में उन्होंने कहा, "यह खुशी, उन्माद, दिल टूटने, दर्द और आखिर में उपलब्धि जैसे भावों से गुजरने की यात्रा रही।"