सेना के जवान के लिए देश की रक्षा की सबकुछ है. इसके आगे वह अपने जीवन की भी परवाह नहीं करता. ऐसे ही एक जवान के शौर्य और बलिदान की कहानी अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत पर्दे पर लेकर आ रहे है. आर्मी दिवस पर सुशांत ने फिल्म का पहला पोस्टर भी शेयर किया. पोस्टर शेयर करते हुए अभिनेता ने लिखा, 'नई शुरुआत हुई #RIFLEMAN.
एम एस धोनी के बाद सुशांत की यह दूसरी बायोपिक फिल्म है. यह फिल्म राइफलमैन जसवंत सिंह रावत के जीवन के इर्द गिर्द घूमेगी, जिन्होंने 72 घंटो तक चाइनीज आर्मी से अरुणाचल प्रदेश के बॉर्डर पर लड़ाई की.
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कौन है जसवंत सिंह रावत
जसवंत सिंह के शहादत की कहानी बहुत कम लोगों को पता है लेकिन एक भारतीय होने के नाते ऐसी प्रेरणादायी कहानी हर बच्चे, बूढ़े और जवान के सामने आनी चाहिए. 1962 में जसवंत चीनी सैनिको के खिलाफ 72 घंटे तक लड़ाई लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे. इस लड़ाई में उन्होंने अकेले 300 चीनी सैनिकों को मार गिराया था. यह वाकया 17 नवंबर 1962 का है, जब चीनी सेना तवांग से आगे निकलते हुए नूरानांग पहुंच गई थी. जसवंत सिंह की याद में मंदिर भी बनाया गया है, जिसमें रोज सुबह पूजा अर्चना होती है. उन्हें उनकी बहादुरी के लिए मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था. तीन दिन तक जसवंत सिंह ने चीनी सैनिको के नाक में दम कर रखा था और इसी खीज में चीनियों ने उन्हें बंधक बना लिया. कुछ न मिलने पर टेलीफ़ोन के तार के सहारे उन्हें फांसी पर लटका दिया और उनका सर काट के लटका दिया.