राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर', जो खुले में शौच के मुद्दे और स्वच्छता का संदेश फैलाना के लिए बनायीं गयी है, अब लीगल ट्रबल में फंस गयी है. लेखक मनोज मैरता ने राकेश ओमप्रकाश मेहरा के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था, जिसमें आरोप लगाया गया है कि फिल्म मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर के लिए उन्हें जरुरी क्रेडिट नहीं दिया जा रहा है, जैसा कि फिल्म निर्माता ने उनसे अप्रैल 2015 के अपने समझौते में वादा किया था. कहा जा रहा है कि, कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में एक आर्टिब्रिटरेटर (मध्यस्थ) की नियुक्ति की है, जो दोनों पक्षों से बात करके 8 मार्च यानि फिल्म की रिलीज से पहले कोई हल निकालेंगे.
एक सूत्र, जो सुनवाई के दौरान उपस्थित था, ने कहा, 'आर्टिब्रिटरेटर (मध्यस्थ) के अगले सप्ताह मामले की सुनवाई की संभावना है, जिसके बाद वो तय करेंगे कि मनोज को पहला क्रेडिट मिलना चाहिए या दूसरा क्रोडिट दिया जाना चाहिए.'
आज कल बॉलीवुड में क्रेडिट और पैसों की दिक्कत के लिए हर मामला कोर्ट पहुंच रहा है. ऐसे में जरुरत है कि फिल्म मेकर्स अपने कॉन्ट्रैक्ट को इस तरह से बनाये की फिल्म रिलीज से पहले कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़े.