भारतीय हिंदी सिनेमा में समय तो कई सितारों का आता है पर दौर बस कुछ ही सितारों का आ पाता है. इसी दौर के शिखर में काबिज़ होने वाले सितारों को सुपरस्टार्स के तमगे से नवाज़ा जाता है. कहते हैं कि इस फिल्म इंडस्ट्री में रवानियत बहुत है, और इसी रवानियत से भी तेज़ पिछले 28 सालों से अपनी फिल्मों से लोगों का मनोरंजन कर रहे हैं आज के दौर के सुपरस्टार अक्षय कुमार.
राजीव भाटिया के तौर पर इस दुनिया में जन्मे इस सितारे के लिए फ़िल्मी दुनिया में शुरुआत करना इतना आसान नहींं था. इन्होंंने अपने शिखर की कहानी संघर्ष की इबारत से लिखी है. अक्षय कुमार से पहले उनका नाम राजीव हरी ओम भाटिया था. इनका जन्म अमृतसर के एक टिपिकल पंजाबी परिवार में हुआ.
अक्षय ने अपनी शुरुआती दौर की पढ़ाई दिल्ली से की, उसके बाद मायानगरी मुंबई में आगे की पढ़ाई करने के लिए आए. लेकिन इस भविष्य के अदाकार की रूचि मार्शल आर्ट्स में इतनी थी कि इन्होंंने अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ने का फैसला लिया और बैंकॉक की ओर रवाना हो गए. जहां उन्होंने इस कला में ब्लैक बेल्ट हासिल की.
अभिनेता अक्षय कुमार की ज़िन्दगी में एक वाकया घटा जिसने शायद इन्हें इस फिल्म इंडस्ट्री में लाकर खड़ा कर दिया. ये वाकया कुछ ऐसा था कि मुंबई में ही अक्षय कुछ बच्चों को मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग दिया करते थे. एक दिन उन्हींं बच्चों में एक के पिता ने अक्षय को सुझाव दिया कि उन्हें मॉडलिंग की दुनिया में भी ट्राई करना चाहिए.
इसके बाद क्या था अक्षय ने फोटोशूट करवाया, इस नयी दुनिया में कदम रखा जहां उन्होंने एक मॉडल के तौर पर कुछ नाम भी बना लिया था. एक दिन उनके फोन की घंटी बजी, उनके पहले ऐड शूट के लिए ये कॉल था. लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था अक्षय से फ्लाइट मिस हो गयी. साथ ही ये गोल्डन चांस भी छूट गया. लेकिन इस वाकये के बाद अक्षय ने ये सोच लिया था कि अब उन्हें इस डगर में ही चलना है. अपने पहले रोल के लिए अक्षय ने अपने फोटोग्राफ्स बड़े-बड़े प्रोड्यूसर्स और निर्देशक के दफ्तर में भटकने की शुरुआत कर दी थी.
इतनी कश्मकश के बाद वो एक शाम आ ही गयी जब प्रोड्यूसर प्रमोद चक्रवर्ती ने उन्हें फिल्म ‘दीदार’ के लिए लीड एक्टर के तौर पर साइन कर ही लिया. लेकिन साल 1991 में आई फिल्म ‘सौगंध’ को अक्षय की पहली फिल्म के तौर पर याद किया जाता है.
अपनी पहली फिल्म के बाद फिर इस सितारें ने पीछे मुड़ कर नही देखा. साथ ही साथ अपने फ़िल्मी सफ़र को एक कारवां में बदल के रख दिया. खिलाड़ी(1992), वक्त हमारा है(1993),मोहरा(1994) और कई हिट फिल्मों के साथ बॉलीवुड में स्थापित हो गए.
अपने 28 साल लम्बे करियर के बावजूद आज भी ये सुपरस्टार फिटनेस के मामले में किसी भी नए सितारे से बेहतर नज़र आता है. अगर फिल्मों के बीट्स की बात की जाए तो इस सुपरस्टार ने हर एक जौनर की फिल्मों में अदाकारी की है. पर्दे पर प्यार,मोहब्बत,सामाजिक सरोकार या फिर देशभक्ति की भावना जगाने का काम इस अभिनेता ने पुरज़ोर तरीके से किया है.
पिछले 5 सालों में अक्षय कुमार ने सामाजिक सरोकार और देश भक्ति के प्रति अपना रुख करते हुए इस तरह की कई फिल्मों से लोगों का मनोरंजन किया है. फिल्मों की बात करें तो 'स्पेशल 26', 'हॉलिडे', 'एयरलिफ्ट', 'बेबी', 'रुस्तम', 'टॉयलेट एक प्रेम कथा', 'गोल्ड' जैसी फिल्मों से अक्षय कुमार की फैंस लिस्ट में भी भारी इजाफा हुआ है.
साल 2017 में वो समय भी आया जब अभिनेता अक्षय कुमार को तब के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के द्वारा फिल्म ‘रुस्तम’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के तौर पर नेशनल फिल्म अवार्ड से नवाज़ा गया.
पिछले 28 सालों से हम लोगों का मनोरंजन करने के लिए इस दौर के महानायक अक्षय कुमार को हमारी तरफ से भी हार्दिक शुभकामनाएं और तहे दिल से शुक्रिया.