निर्देशक राधाकृष्ण जगर्लामुदी जो कृष नाम से ज्याद मशहूर हैं, आखिरकार कंगना रनौत के साथ अनबन और विवाद के बारे में उन्होंने चुप्पी तोड़ दी है। उनका कहना है कि कंगना ने 'मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ झांसी' को सोने से चांदी में बदलकर रख दिया है।
यह पूछे जाने पर कि 'मणिकर्णिका' का आपने कितना निर्देशन किया है, इसे लेकर कई अटकलें हैं तो कृष ने कहा, "आपका मतलब पर्दे पर देख रहे हैं क्या उससे है? मैंने फिल्म देखी है। मैं कहूंगा कि यह 70 फीसदी मेरी है। मैंने रिलीज होने तक चुप्पी साधे रखी। मुझे फिल्म के लिए और पूरी टीम के लिए जिन्होंने कड़ी मेहनत की उनकी खातिर चुप रहना पड़ा। लेकिन, अगर अब मैंने इस बारे में नहीं बोला कि कंगना ने फिल्म के साथ क्या किया तो मैं अपनी सारी मेहनत पर पानी फेर दूंगा। कई लोगों ने मुझे सलाह दी कि फिल्म को मेरे हाथ से लिए जाने के बाद मुझे बोलना चाहिए। मैं कहूंगा कि मैंने जो निर्देशन किया था, वह शुद्ध सोने जैसा था। कंगना ने इसे चांदी में बदल दिया।"
यह पूछे जाने पर कि आपने फिल्म क्यों छोड़ी तो उन्होंने कहा, "जब भी मुझसे यह सवाल पूछा जाता है, मेरा मन दुखी हो जाता है। मैंने फिल्म अधूरी नहीं छोड़ी थी। जब मैंने इसे छोड़ी थी उस समय यह लगभग पूरी हो चुकी थी। मैंने 'मणिकर्णिका' 109 दिन में फिल्माया, जबकि मैंने एनटीआर की बायोपिक इससे आधे समय में पूरी कर ली। फिर हमने 'मणिकर्णिका' के लिए डबिंग, पोस्ट प्रोडक्शन और सबकुछ किया। उसके बाद में अपनी दूसरी प्रतिबद्धताओं (एनटीआर बायोपिक) से जुड़ा। मेरे लिए फिल्म पूरी थी और कंगना को छोड़कर सबने डबिंग कर ली थी।"
यह पूछे जाने पर कि फिर क्या हुआ तो कृष ने कहा, "जैसे ही मैंने कम पूरा किया, उन्होंने पूरी तरह से मेरे मार्गदर्शन में कुछ पैचवर्क करने का वादा किया। उन्होंने वादा किया कि वह 4-5 दिन और शूटिंग करेंगी और शूटिंग की सारी जानकारी मुझे भेजेंगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और उन्होंेने कहा कि उन्हें कई हिस्सों की शूटिंग दोबारा करनी पड़ी, क्योंकि मेरे सिनेमेटोग्राफर ज्ञान शेखर ने अच्छा काम नहीं किया था। वह क्या बकवास कर रही हैं? हर कलाकार, हर तकनीशियन अपनी फिल्म को एक तरह से अपनी जिंदगी और सांसें दे देता है।"
कृष ने बताया कि हैदराबाद में बड़ा सा युद्ध का दृश्य फिल्माया गया। जयपुर और जोधपुर में भी शूटिंग की गई। फिल्म 15 अगस्त, 2018 को रिलीज होने वाली थी। फिल्म जून में पूरी हो गई थी और बस एक छोटा सा हिस्सा रह गया था, जिसे बाद में फिल्माने पर सहमति बनी और फिर सोनू सूद को लेकर मामला गरमा गया।
यह पूछे जाने पर कि क्या हुआ तो कृष ने कहा कि कंगना ने सोनू सूद के पूरे हिस्से को फिर से फिल्माने का फैसला किया। अभिनेता ने 30 दिन शूटिंग की थी तो आप समझ सकते हैं कि वह क्या हटाना चाहती थी। उन्होंने कहा, "मुझे याद है कि जब कंगना ने पहला कट देखा और फिल्म की तारीफ करने से पहले कहा कि 'सोनू सूद जबरदस्त लग रहे हैं ना?' क्योंकि एक दुश्मन के रूप में सोनू सूद बहुत दमदार थे। हमने इस तरह से फिल्म डिजाइन की थी। नायिका को प्रभावशाली दिखाने के लिए दुश्मन का भी दमदार होना जरूरी होता है।"
कृष ने आगे बताया कि अधिकतर फिल्मों में उनका कृष जाता है, लेकिन कंगना ने उनका नाम राधाकृष्ण जगर्लामुदी के रूप में दिखाया, जिससे दर्शक भ्रमित हो जाएं। कंगना ने कहा कि सोनू सूद के साथ जब उनका विवाद हुआ था तो उन्होंने (कृष) उनका साथ नहीं दिया तो फिर वह (कंगना) उनकी चिंता क्यों करें।
कृष ने कहा कि वह उलझना नहीं चाहते थे, क्योंकि वह ऐसे शख्स नहीं हैं, लेकिन जब उन्होंने देखा कि उनके विजन के साथ छेड़छाड़ हुई है तो उन्हें बहुत गुस्सा आया और दुख हुआ और इसलिए अब वह बोल रहे हैं।