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कंगना की बहन रंगोली ने 'मणिकर्णिका' के निर्देशक कृष पर साधा निशाना

पिछले कुछ समय से ऐसा देखा जा रहा है कि कंगना जिस भी फिल्म में काम करती है और ऑफ कैमरा टेक्निकल चीजों में सहयोग करती है रिलीज से पहले वह फिल्म विवादों से घिर जाती है.

पिछली फिल्म 'सिमरन' में भी कंगना को राइटिंग में क्रेडिट दिया गया, जिसके बाद लेखक ने उसपर आपत्ति जता दी. कंगना का कहना था कि लेखक अपूर्व असरानी ने ही उनसे संवाद लेखन में श्रेय लेने के लिए कहा था. फिल्म की रिलीज के साथ वह विवाद भी खत्म हो गया लेकिन अभिनेत्री एक बार फिर नए विवाद से घिर गई है. रिलीज के बाद कृष ने आईएएनएस को दिए बयान में कहा, 'कंगना ने ‘मणिकर्णिका : द क्वीन ऑफ झांसी’ को सोने से चांदी में बदलकर रख दिया है. कृष से जब पूछा गया कि फिल्म का कितना प्रतिशत हिस्सा उन्होंने डायरेक्ट किया तो उन्होंने कहा, '70 फीसदी यह मेरी फिल्म है.'

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लगता है कृष के इस बयान से कंगना की बहन रंगोली के दिल को ठेस पहुंची है. उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए कृष को फटकार लगाई है. उन्होंने लिखा, 'निर्देशक कृष चलो मान लिया आपने पूरी फिल्म डायरेक्ट की है लेकिन प्लीज अब शांत हो जाइए. अब भी कंगना फिल्म का लीडिंग फेस है. उसे उसके जीवन की यह सफलता एन्जॉय करने दीजिए. कृपया करके उसे अकेला छोड़ दीजिए. हमें आप पर विश्वास है अब मेहरबानी करके बैठ जाइए.

आईएएनएस को दिए बयान में कृष से जब पूछा गया कि उन्होंने फिल्म क्यों छोड़ी तो उन्होंने कहा, 'जब भी मुझसे यह सवाल पूछा जाता है, मेरा मन दुखी हो जाता है. मैंने फिल्म अधूरी नहीं छोड़ी थी. जब मैंने इसे छोड़ी थी उस समय यह लगभग पूरी हो चुकी थी. मैंने ‘मणिकर्णिका’ 109 दिन में फिल्माया, जबकि मैंने एनटीआर की बायोपिक इससे आधे समय में पूरी कर ली. फिर हमने ‘मणिकर्णिका’ के लिए डबिंग, पोस्ट प्रोडक्शन और सबकुछ किया. उसके बाद में अपनी दूसरी प्रतिबद्धताओं (एनटीआर बायोपिक) से जुड़ा. मेरे लिए फिल्म पूरी थी और कंगना को छोड़कर सबने डबिंग कर ली थी.

यह पूछें जाने पर कि फिर क्या हुआ, जैसे ही मैंने काम पूरा किया उन्होंने मेरे मार्गदर्शन में कुछ पैचवर्क करने का वादा किया. उन्होंने कहा कि वह 4- 5 दिन और शूट करेंगी और उसकी सारी जानकारी मुझे भेजेंगी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें दुबारा से कुछ हिस्सों की शूटिंग करनी पड़ी क्यूंकि मेरे सिनेमेटोग्राफर ने ज्ञान शेखर ने अच्छा काम नहीं किया था.

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