शुक्रवार को इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (IFTDA) ने घोषणा की, कि उनकी पैरेंट संस्था फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने आलोक नाथ को 6 महीने का असहयोग निर्देश जारी किया है. आलोक नाथ पर लेखक-निर्देशक विंटा नंदा द्वारा बलात्कार का आरोप लगाया गया है.
इससे पहले सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (CINTAA) ने अपना मामला पेश करने के लिए 12 नवंबर को निकाय की बैठक में मौजूद ना होने के बाद आलोक नाथ को निष्कासित कर दिया था. IFTDA के अध्यक्ष अशोक पंडित ने बताया कि अपने साथी सदस्य विंटा द्वारा दायर यौन उत्पीड़न की शिकायत को POSH (यौन उत्पीड़न की रोकथाम) समिति के साथ साझा किया गया और POSH अधिनियम के अनुसार जांच की गई. '
आलोक नाथ को ICC (आंतरिक शिकायत समिति) ने तीन बार बुलाया था, लेकिन उन्होंने किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया. क्योंकि उन्होंने महिलाओं के लिए एक सुरक्षित कार्यस्थल प्रदान करने के IFTDA के जनादेश के साथ सहयोग करने से इंकार कर दिया है. इसलिए हम 6 महीने के प्रतिबंध के लिए FWICE पहुंचे, जिसे गुरुवार को मंजूरी दी गई. अशोक पंडित ने कहा कि आलोक नाथ को इस बैन के बारें में सूचित किया गया है.
जब एक लीडिंग टैब्लॉयड ने इस बारे में आलोक नाथ से बात की, तो उन्होंने प्रतिबंध पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा, 'कानून अपना कदम उठाएगा.'
इससे पहले 7 दिसंबर, 2018 की POSH इन्वेस्टिगेशन क्लोजर रिपोर्ट के बाद IFTDA ने ICC की सिफारिश पर साजिद खान की सदस्यता को तत्काल प्रभाव से एक वर्ष के लिए निलंबित कर दिया था. प्रतिबंध की समीक्षा एक साल बाद की जाएगी. निर्देशक पर कई महिलाओं द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है .