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राज कुमार बड़जात्या के लिए सिनेमा ही सबकुछ था- सैफ अली खान

'हम साथ- साथ है' फिल्म के प्रोड्यूसर और सूरज बड़जात्या के पिता राज कुमार बड़जात्या का गुरुवार सुबह निधन हो गया. वो एक ऐसे शख्स थे जो सिनेमा के लिए जीते थे, बेटे सूरज बड़जात्या ने 'मैंने प्यार किया', 'हम आपके है कौन' और हम साथ- साथ है' बनाकर कई स्टार्स की किस्मत चमका दी.

फिल्म 'हम साथ- साथ है' में विनोद का किरदार निभानेवाले सैफ ने उनके निधन के बाद वो किस तरह के शख्स थे और उन्हें सिनेमा से कितना प्रेम था, इसपर अपनी प्रतिक्रिया व्यस्क्त की है. सैफ ने कहा, 'राज बाबू के साथ करना, सिनेमा की रॉयल्टी के साथ काम करने जैसा था. जब मैंने उनसे कहा कि मैं कुछ दिनों के लिए पटौदी जा रहा हूं तो उन्होंने कहा, अगर वहां पर कोई सिनेमाहॉल हो.'

मुझे याद है एक बार उन्होंने मुझसे कहा था कि इंटरवल के पहले फिल्म में खाता हुए सीन दिखाना बहुत जरुरी है, इससे ऑडियंस को भी भूख लगेगी और थिएटर वालो को भी फायदा होगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर एक अभिनेता बहुत ज्यादा इंग्लिश बोलता है तो वह ऑडियंस दूर हो जाता है लेकिन अगर थोड़ी इंग्लिश बोलता है तो वह ऑडियंस को इम्प्रेस कर लेता है.

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