राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता विद्या बालन भी पुलवामा आतंकी हमले के बाद बॉलीवुड में पाकिस्तानी कलाकारों के प्रवेश के खिलाफ हो गई हैं। हिंदी फिल्म उद्योग ने इस हमले के बाद इसकी भर्त्सना की है और पाकिस्तान में अपनी फिल्मों को रिलीज न करने की बात कही है। इसके अलावा फिल्म उद्योग में पाकिस्तानी कलाकारों को काम न देने को लेकर भी गम्भीर चिंतन चल रहा है।
विद्या बालन ने शुक्रवार को यहां कहा कि इस समय एक मजबूत स्टैंड की जरूरत है और पुराने सभी फैसलों को खारिज करने का वक्त आ गया है।
विद्या ने अपने पहले रेडियो शो 'धुन बदल के तो देखो' के प्रसारण के दौरान मीडिया से कहा, "मेरा हमेशा से मानना रहा है कि कला को सभी सीमाओं और राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। मुझे लगता है कि हमें अब एक स्टैंड लेना होगा।"
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वर्ष 1989 के बाद से जम्मू-कश्मीर में हुए सबसे भयानक आतंकी हमले के बाद पुलवामा जिले में 14 फरवरी को एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस में घुसा दी, जिसमें कम से कम 40 जवान शहीद हो गए, बाद में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली
जब पूछा गया कि क्या कला को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए, तो 'तुम्हारी सुलू' की अभिनेत्री ने कहा, "मैं खुद मानती हूं कि लोगों को साथ लाने के लिए कला से बेहतर और कोई और जरिया नहीं हो सकता, फिर बात चाहे संगीत की हो, थिएटर की हो, डांस की हो, फिल्मों की हो.. कुछ भी हो, लेकिन? इस बार जाने क्यों मुझे लगता है कि शायद हमें एक ब्रेक लेना चाहिए, देखते हैं.. लेकिन कुछ कड़े फैसले लेना भी जरूरी है।"
अक्षय कुमार, प्रियंका चोपड़ा, अजय देवगन और विक्की कौशल सहित बॉलीवुड अभिनेताओं के एक समूह ने पुलवामा हमले की निंदा की है।
इंद्र कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म 'टोटल धमाल' भी पाकिस्तान में उसी कारण से रिलीज नहीं हुई।