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हिंदी सिनेमा की 'रूप की रानी' श्रीदेवी की पहली पुण्यतिथि में एक यादों का झरोखा

भारतीय हिंदी सिनेमा अगर किसी एक अभिनेत्री को ‘रूप की रानी’ नाम से उपाधि दी गयी है. तो वो कोई और हो ही नही सकता सिवाए लाखों दिलों की धड़कन में आज भी राज़ करने वालीं श्रीदेवी के अलावा,आज यानी 24 फ़रवरी 2019 को सदाबहार एक्ट्रेस श्रीदेवी की पहली पुण्यतिथि है. आज के दिन हम उन्ही के बारे में कुछ बातें करेंगे.

आपको बता दें कि श्रीदेवी का जन्म 13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु में हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत महज चार साल की उम्र में एक तमिल फिल्म कंधन करुणई के द्वारा कर दी थी.

पिछले साल इस अदाकारा ने इस दुनिया के साथ-साथ हिंदी सिनेमा के चाहने वालों को भी हमेशा के लिए अलविदा कह गयीं. इस दुनिया से इनका चले जाना जितना इनके परिवार के लिए आश्चर्य की बात थी उतना ही ये मुल्क भी चौंका था, क्यूंकि तब इसने अपने हिंदी सिनेमा की पहली सुपरस्टार को खो दिया था.

जब अभिनेत्रियां बड़े पर्दे पर अपनी दूसरी पारी का आगाज़ करतीं हैं उतनी सी ही 54 साल की उम्र में श्रीदेवी ने दुनिया को अलविदा कह दिया, लेकिन इस दुनिया को छोड़ने से पहले उन्होंने अपने पीछे एक 300 फिल्मों का कारवां भी छोड़ा है. आपको बता दें कि दुबई के एक होटल में श्रीदेवी की मौत हुई थी.

दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी इतनी प्रखर प्रतिभा वाली थीं कि जब ये पर्दे पर आती थीं तो इनके सामने अभिनेता की भी चमक फीकी सी हो जाती थी. इन्होने हिंदी सिनेमा को कई सुपरहिट फिल्मों से नवाज़ा हैं,लेकिन एक कहावत और भी है कि श्रीदेवी हिंदी फिल्मों में शुरुआत नही करना चाहतीं थीं.

दिवंगत अभिनेत्री कुछ और चाहतीं थीं लेकिन मुक्कदर में तो बॉलीवुड की पहली अभिनेत्री सुपरस्टार बनना लिखा था, इसीलिए इन्होने साल 1979 में फिल्म ‘सोलहवां सावन’ से बॉलीवुड में शुरुआत की, शुरुआत अच्छी नही रही और फिल्म फ्लॉप हो गयी.

इस फिल्म के निर्देशक ने एक इंटरव्यू में कहा भी था कि ‘बाकी एक्ट्रेस फ्लॉप होने के बाद चली जातीं हैं लेकिन श्रीदेवी एक अलग ही मुकाम बनाने के लिए आयीं थीं, उन्होंने जिस फिल्म इंडस्ट्री पर कदम रखा वहां पर राज़ किया था.’

आगे निर्देशक ने बताया था कि ‘पहली फिल्म में श्री जी के साथ अमोल पालेकर नज़र आए थे, शुरुआत में उन्होंने हिंदी फिल्म में आने से मना कर दिया था,लेकिन मैंने बड़ी मुश्किल से उन्हें मना ही लिया था.’

फिर क्या था समय के साथ दौर भी बीतता गया और इस फिल्म इंडस्ट्री को उसकी पहली सुपरस्टार मिल ही गयी. फिर 90 के दशक की शुरुआत में 1991 में श्रीदेवी की फिल्म ‘लम्हे’ रिलीज़ हुई,इसमें उनके साथ नज़र आए अनिल कपूर, इस फिल्म को दर्शकों के साथ समीक्षकों ने भी बहुत प्यार दिया.

समय आगे बढ़ता है और आता है साल 1997 जब फिल्म ‘जुदाई’ के बाद एक्ट्रेस ने 15 सालों के लंबे अंतराल के लिए फिल्मों से दूरी बना ली थी. फिर उन्होंने साल 2012 में फिल्म  इंग्लिश-विंगलिश से वापसी की और ये फिल्म भी सुपरहिट साबित हुई. उसके बाद साल 2017 में दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी की फिल्म 'मॉम' रिलीज़ हुई. श्रीदेवी ने फ़िल्मों में एक बहुत लंबी और हसीन  पारी खेली है और 'मॉम' उनकी 300वीं फ़िल्म थी.

फ़िल्मों में श्रीदेवी के योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था.

 

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