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अक्षय कुमार के मुताबिक 'केसरी' में किया गया रोल उनका 'ड्रीम रोल' है

बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार फिलहाल अपनी फिल्म 'केसरी' जो कि एक पीरियड ड्रामा है उसे प्रमोट करने में व्यस्त हैं, ऐसे में उन्होंने यह खुलासा किया कि कैसे उनके द्वारा किया गया यह किरदार हमेशा से उनका ड्रीम रोल रहा है. फिल्म को प्रमोट करते हुए, अक्षय ने बताया कि इस किरदार को निभाने के लिए जिस चीज ने उन्हें उत्साहित किया और उसके कठिन हिस्से के अलावा और भी बहुत कुछ है.

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस भूमिका को एक व्यक्ति और एक एक्टर के रूप में बहुत संतोषजनक मानते हैं, जिसके जवाब में अक्षय ने कहा, "यह एक ड्रीम रोल है. इतना साहसी रोल मिलता नहीं है. एक्टर्स को लाइफटाइम लग जाते हैं ऐसा रोल मिलते मिलते."

इस फिल्म को करने के लिए उसकी किस चीज ने उन्हें उत्साहित किया, यह पूछे जाने पर अक्षय ने कहा, "हम हॉलीवुड में बनी 300 जैसी फिल्मों से प्रभावित होते हैं. लेकिन यहां भी एक कहानी है जो सच्ची है. लेकिन अब हम एक ऐसी कहानी से प्रभावित नहीं होंगे जो इतनी मजबूत होने के साथ सच्ची है. सब भूल जाइए, सिर्फ गूगल करिए सबसे बड़ी लड़ाई जिसमे आपको 'सारागढ़ी की लड़ाई को दूसरे स्थान पर देखेंगे. लेकिन इसपर अब तक हमारे पास एक भी फिल्म नहीं है. ज्यादा लोग इस बारे में नहीं जानते. मैं भी नहीं जनता था लेकिन जब मेरे डिरेक्टर ने इस बारे में अच्छी तरह से बताया तब मुझे पता चला. उन्होंने मुझे बताया कि जो भी उन्होंने लिखा है, वह असल में हुआ है. इन लोगो को पता था कि यह मरने वाले हैं लेकिन फिर भी वह भागे नहीं और लड़े. मैं इस फिल्म को करने के लिए खुद को भाग्यशाली मानता हूं. इतनी बड़ी फिल्म करने का मौका मिला है यह मैं छोड़ ही नहीं सकता. यह एक बड़ी कहानी है और मैं लोगो से यह आग्रह करता हूं कि वह अपने बच्चो को यह कहानी दिखाएं. मैंने इस फिल्म को दुनिया के सभी देशों के उन सभी शहीदों को समर्पित किया, जिन्होंने अपने देश को बचाने के लिए अपनी जान दी है."

अक्षय ने इस बारे में बात की कि क्या यह रोल उनके लिए थोड़ा मुश्किल था, जिसके जवाब में अक्षय ने कहा, "हां, जिस तरह के इलाकों में हमने शूट किया, वह बेहद मुश्किल था. मैं स्पीति में भी शॉट की. पहले ही वहां ऑक्सीजन कम है. तीन दिन तो क्लाइमेट से यूज़ टू होने में लगा. फिर एक शॉट के बाद रिटेक लेना होतो दस मिनट का ब्रेक लेना पड़ता है, क्योंकि तुम तब अपनी सांसों को सही करते हो. यह बहुत कठिन था और पगड़ी पहनी थी मैंने वह 1 सवा किलो की थी फिर तलवार पकड़ी थी वो 6 से 7 किलो की थी. जबकि वह उस समय 20-25 किलो की तलवार से लड़ा करते थे और वह उनकी तलवार के असली घी और अब हम खाते हैं असली स्टेरॉइड्स."

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