साल 2010 में जब रितुपर्णो घोष ने किसी एक्टर को एक ट्रांसजेंडर की भूमिका निभाने के लिए कास्ट करना चाहा, तब उन्हें कोई एक्टर नहीं मिला था, जो इस किरदार को निभा सके. ऐसे में जब डायरेक्टर राम कमल मुखर्जी ने फिर से इस टॉपिक पर फिल्म बनाने के मन बनाया तब उन्हें ऐसा लग रहा था कि कहीं उन्हें भी ऐसी ही परेशानियों का सामना न करना पड़े. उनकी यह फिल्म दिवंगत फिल्म मेकर रितुपर्णो घोष को एक श्रद्धांजलि है. ऐसे में राम कमल ने कहा, "भारतीय सिनेमा को ट्रांसजेंडर एक्टर मिलने में लगभग एक दशक का समय लगा."
संयोग से, यह प्रोड्यूसर अरित्रा दास थे जिन्होंने श्री घटक मुहूरी से राम कमल से मिलवाया था, और फिर उन्हें चपला की भूमिका के लिए ऑडिशन दिया था. "फिल्म में एक ट्रांसजेंडर की भूमिका निभाने के लिए पुरुष अभिनेता या महिला अभिनेता को कास्ट करना मुश्किल था. राम कमल मुखर्जी कहते हैं कि अधिकांश अभिनेताओं की भूमिका कुछ खास होती है, जो विशिष्ट नहीं है. आखिरकार, डायरेक्टर को वास्तविक जीवन के ट्रांसजेंडर श्री घटक को चपला के रूप में कास्ट करना पड़ा. यह श्री को बॉलीवुड का पहला ट्रांसजेंडर एक्टर बनाता है. संयोग से, ट्रांसजेंडर कलाकार मनबी ने कौशिक गांगुली की प्रशंसित बंगाली फिल्म नागरकीर्तन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, और पहले लक्ष्मी त्रिपाठी ने एक दक्षिण भारतीय फिल्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन श्री बॉलीवुड के पहले ट्रांसजेंडर एक्टर बन जाएंगे.
यौनसंयम की सर्जरी के बाद, उन्होंने अपना श्री रखा. रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए वह पहली ट्रांसवुमन बनीं, जिनका कानूनी रूप से रजिस्टर्ड मैरिज हुए हैं. "मैं हमेशा चाहती थी कि मुझे भी दूसरे आम लोगों में गिना जाए. मैं कभी किसी श्रेणी में निर्दिष्ट नहीं होना चाहती थी. यह साल 2015 की बात है जब मैंने अपनी सर्जरी करवाई थी और ट्रांसवुमन बन गयी. उसके पहले मैं सिर्फ एक औरत थी एक आदमी के शरीर में."