किस भी बायोपिक में सबसे मुश्किल काम होता है उस किरदार की तरह दिखना. निर्देशक ओमंग कुमार के सामने भी यही सबसे बड़ा चैलेंज था कि विवेक को नरेंद्र मोदी कैसे बनाया जाए. चेहरा बदलने के लिए प्रोस्थेटिक मेकअप का इस्तेमाल किया जाता है.
इस प्रोस्थेटिक मेकअप का प्रोसीजर था कि इसे सिर्फ छह घंटे के लिए लगा सकते थे. इसे लगाने के लिए 5- 6 घंटे लगते थे और लगाने के बाद सिर्फ 6 घंटे तक शूट कर सकते थे. प्रोस्थेटिक मेकअप की टीम विवेक को नरेंद्र मोदी का लुक देने में जुटी हुई थी लेकिन ओमंग कुमार इससे संतुष्ट नहीं थे. इसके बाद मेकर्स ने फिल्म न बनाने का फैसला लिया क्यूंकि अगर किरदार ही फिट नहीं बनेगा तो फिल्म कैसे बन सकती है.
मेकअप आर्टिस्ट्स प्रीति ने हार नहीं मानी और एक और बार कोशिश करने का फैसला किया. इसके बाद जो हुआ वह कमाल का था. मेकअप के बाद विवेक का फोटोशूट किया गया, जिसमें वह बिलकुल नरेंद्र मोदी की तरह नजर आ रहे थे. डायरेक्टर समेत सभी ने इस लुक को पास कर दिया.
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