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अपनी बायोपिक 'संजू' से छवि बदलने की बात पर संजय दत्त ने तोड़ी चुप्पी

बॉलीवुड में बाबा के नाम से जाने जानें वाले एक्टर संजय दत्त की बायोपिक संजू को दर्शकों का मिक्स रिएक्शन मिला था, जहां कुछ लोगो ने फिल्म की तारीफ की, तो कुछ ने इस फिल्म को संजय दत्त की छवि को सफेद करने की कोशिश करने वाली फिल्म का नाम दिया. हालांकि, अनुभवी एक्टर का मानना ​​है कि फिल्म ने उनके जीवन में जो कुछ भी हुआ है, उसे दिखाया. हाल ही में एक इंटरव्यू में, संजय ने उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमे यह कहा गया था कि फिल्म में उनकी किसी भी गलती में उन्हें गलत नहीं ठहराया गया है. बल्कि उनके द्वारा किये गए गंभीर मुद्दों को एक हास्य तरीके से पेश करना बहुत नरम था. उन्होंने कहा कि फिल्म में बहुत अधिक हास्य नहीं दिखाया गया है जो उनके जीवन का हिस्सा था.

इंटरव्यू में संजय ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि संजू की कहानी बहुत सॉफ्ट थी. कुछ भी मेरे जीवन में था, उसमें बंदूकें और ड्रग्स से लेकर केस और जेल तक सब कुछ दिखाया गया था. मुझे लगता है कि मेरे जीवन में बहुत ह्यूमर रहा है. यहां तक ​​कि जब ड्रग्स की बात आती है तब भी. ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो राजू ने नहीं दिखाईं जो अधिक हंसाने वाली हैं. फिल्म में यह संदेश है कि ड्रग्स जीवन में अच्छी चीज नहीं है या कानूनों को जानना महत्वपूर्ण है. कभी आपको गलत निर्णय मत करो, नहीं तो यह होने वाला है. यह कुछ ऐसा था जिसे मैं आज के युवाओं को बताना चाहता था."

संजय ने फिल्म देखने के दौरान जो भावनात्मक जुड़ाव महसूस किया उसके बारे में उन्होंने बात करते हुए कहा, "मैं कुछ सीन को देख कर रो देता था, खासकर जब पिताजी की मृत्यु हो गई थी. लेकिन उन दिनों जो जीना एक अच्छा एहसास था. मेरे दिमाग में ऐसे में बहुत साड़ी चीजे आईं." संजय ने आगे कहा "यह एक शानदार और विनम्र अनुभव है. मुझे गर्व महसूस हुआ, लेकिन जीवन का नेतृत्व करने के कारण नहीं. इससे मुझे महसूस हुआ कि लोग मुझसे प्यार करते हैं। मैं उन भाग्यशाली लोगों में से एक हूं, जिन्हें लोग प्यार करते हैं."

बात करें फिल्मों की तो संजय बहुत जल्द 'कलंक' में नजर आने वाले हैं. इसके अलावा उन्हें हम रणबीर कपूर के साथ 'शमशेर' में भी स्क्रीन शेयर करते हुए देखेंगे.

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