बॉलीवुड सुपरस्टार अजय देवगन फरवरी में अपने फैंस का फिल्म 'टोटल धमाल' से एंटरटेनमेंट करने के बाद, अब अपनी अगली रोमांटिक कॉमेडी 'दे दे प्यार दे' के रिलीज की तैयारी में हैं. लेकिन मई के महीने में रिलीज से पहले उनकी यह फिल्म #MeToo के आरोपों में घीरे अनुभवी अभिनेता आलोक नाथ को फिल्म में शामिल करने के कारण अब सुर्ख़ियों में हैं.
आपको बता दें कि पूर्व मिस इंडिया और एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता जिन्होंने देश में #MeToo मवमेंट की आंधी को हवा दिया था. उन्होंने अजय देवगन को अजय देवगन को इस मामले में घसीटते हुए, उन्हें आलोक नाथ के साथ 'दे दे प्यार दे' में काम करने पर खरी खोटी सुनाई. बता दें कि पिछले साल तारा की राइटर विंटा नंदा ने आलोक नाथ पर टीवी सीरियल के सेट पर उनके साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था.
अब, जब 'दे दे प्यार दे' के प्रमोशन शुरू होने वाले हैं, ऐसे में तनुश्री ने कहा कि "फिल्म इंडस्ट्री झूठ, दिखावा और पाखंडी लोगों से भरा है." जिसके बाद इसके जवाब में अजय देवगन ने अपनी सफाई में कहा है, "जब #MeToo मूवमेंट हुआ था, तब मैंने फिल्म इंडस्ट्री के कई सहयोगियों के साथ स्पष्ट रूप से कहा था कि मैं कार्यस्थल पर हर एक महिला का सम्मान करता हूं और मैं उनके खिलाफ किसी भी अन्याय या अत्याचार के लिए खड़ा नहीं होता. और मेरे स्टैंड के बारे में अब भी कुछ भी नहीं बदला है."
जैसे की आलोक नाथ #MeToo मूवमेंट के मुख्य आरोपियों में से एक हैं और उसके बावजूद अपनी फिल्म 'दे दे प्यार दे' में भूमिका पाने के विषय पर, अजय देवगन ने कहा, "यह फिल्म अक्टूबर 2018 में रिलीज़ होने वाली थी. यह शूट पिछले साल सितंबर में हुआ था. उनका साथ सिर्फ मनाली मनाली में अगस्त तक ही था. उन्हें अलग-अलग सेटों पर 40 दिनों में और 10 से अधिक एक्टर्स के साथ एक ऑउटडोर लोकेशन पर शूट किया था. जब तक आरोप (अक्टूबर 2018 में) सामने आए, तब तक मेरे अलावा बाकी एक्टर्स अन्य फिल्मों पर काम शुरू कर दिया था. फिल्म में इन कई एक्टर के डेट्स और संयोजनों को प्राप्त करना और आलोक नाथ की जगह किसी अन्य एक्टर के साथ फिर से शूट करने का प्रयास करना असंभव जैसा था. और यह प्रोड्यूसर के लिए एक बहुत बड़ा मौद्रिक नुकसान भी होता."
अजय देवगन ने कहा कि आलोक नाथ की जगह लेने का फैसला कभी भी अकेले नहीं किया जा सकता था, जिसपर उन्होंने कहा, "इस मामले में, मुझे पूरी यूनिट के संयुक्त-निर्णय के साथ जाना होगा. यह भूलना नहीं चाहिए कि मैं फिल्म के सभी स्टार्स को एक साथ फिर 40 दिनों के लिए नहीं ला सकता था और रीशूट करना यानी बजट को डबल करने जैसा है. और इसे करना मेरे हाथ में नहीं था बल्कि मेकर्स के कर सकते थे. अगर हालात मेरे हाथ में होते तो मैं एक्टर्स के अलग संयोजन को लेकर आता. दुर्भाग्य से, यह नहीं होना था. साथ ही मैं #MeToo मूवमेंट के प्रति बेहद संवेदनशील हूं. लेकिन जब परिस्थितियां मेरे परे होती हैं, तब मुझे नहीं समझ में आता की मुझ अकेले को क्यों निशाना बनाया जाता है, मैं असंवेदनशील नहीं हूं."