आप सभी जानते हैं कि बॉलीवुड में #MeToo मूवमेंट की शुरुआत पिछले साल एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने की थी, जिसके बाद इंडस्ट्री में मौजूद कई महिलाओं ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामलों को लेकर आवाज उठाई. लेकिन आप में से यह बात बहुत कम लोग जानते होंगे कि बॉलीवुड में शुरू हुए इस मूवमेंट से पहले हमारे पड़ोसी मूलक यानी पाकिस्तान में ये कैंपेन छिड़ चुका था. ऐसे में पाकिस्तानी सिंगर और एक्टर अली जफर पर सिंगर मीशा शफी ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाय था. लेकिन अली ने मीशा को गलत इल्जाम लगाने के आरोप में कोर्ट में घसीटा और इस तरह से शनिवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया.
इस तरह से सिंगर और एक्टर अली जफर ने कोर्ट के फैसले के बाद एक ट्वीट शेयर करते हुए लिखा है, "मीशा शफी ने मुझ पर जो भी केस किए थे कोर्ट ने उन सभी को खारिज कर दिया. उन्होंने मामले में क्षतिपूर्ति के लिए भुगतान की मांग की थी. उनके इस तरह के झूठे आरोपों ने मुझे बहुत परेशान किया. अब वो इससे भागने की कोशिश कर रही हैं. ने उनके खिलाफ केस किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ फेक ट्वीट्स करके मेरे खिलाफ कैंपेन चलाया है."
https://twitter.com/AliZafarsays/status/1122050935700840448
अली जफर ने आगे लिखा कि "मैं एक साल तक इन सबके बारे में शांत रहा, जबकि हजारों ट्वीट मेरे खिलाफ पोस्ट किए गए थे. हर अभियान के तहत एक बड़ी घटना सामने आती है लेकिन इस बार कानून के जरिए सच्चाई सबके सामने आ गई है. मैं एफआईए (संघीय जांच एजेंसी) से आग्रह करता हूं कि सख्त रूप से कार्रवाई की जाए. मैं कोर्ट से प्रार्थना करता हूं कि इस मामले में कोर्ट जल्द फैसला सुनाए. मैं सभी से आग्रह करता हूं कि मेरे साथ आएं और मीशा सफी से कोर्ट में सवाल पूछें."
वहीं, कोर्ट के फैसले के बाद अली जफ़र ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "ये सब मुझे टारगेट करने के लिए किया गया है. इस वजह से मैंने उन पर मानहानि का केस किया है. अब मेरा जो नुकसान हुआ है वो इसकी भरपाई करें."
बात करें करीब एक साल पहले मीशा ने अली जफर पर आरोप लगाते हुए कहा था कि "एक प्राइवेट स्टूडियो में उन्होंने उनके साथ बदतमीजी की थी. अली कई और महिलाओं के साथ भी इस तरह का बर्ताव कर चुके हैं. अली ने कई बार मेरे साथ बदतमीजी करने की कोशिश की जो मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ा दर्द था."