फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा को विजयवाड़ा में प्रवेश नहीं करने दिया गया। उनकी फिल्म 'लक्ष्मी एनटीआर' विवाद में घिर गई है। उन्होंने रविवार को जब सड़क पर संवाददाता सम्मेलन बुलाने की धमकी दी, उसके बाद नगर पुलिस ने उन्हें रोक दिया।
वर्मा ने ट्वीट किया कि उनकी कार को रोक दिया गया। उन्हें दूसरी कार में जाने के लिए मजबूर किया गया और हवाईअड्डे पर उतार दिया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनसे कहा कि वह शहर में प्रवेश नहीं कर सकते। उन्होंने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश में कोई लोकतंत्र नहीं है।
आरजीवी के नाम से प्रसिद्ध निर्देशक एक मई को आंध्र प्रदेश में अपनी फिल्म को रिलीज करने से पहले एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित करना चाहते थे। एक होटल द्वारा इसकी अनुमति नहीं दिए जाने के बाद उन्होंने एनटीआर सर्किल पर संवाददाताओं को संबोधित करने की घोषणा कर दी।
पुलिस ने कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लागू आदर्श आचार संहिता के कारण जनता के बीच कोई सभी आयोजित नहीं की जा सकती, इसलिए निर्देशक को वापस भेजना पड़ा।
उनकी फिल्म 'लक्ष्मी एनटीआर' पिछले महीने तेलंगाना में रिलीज हुई थी, लेकिन आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने चुनाव तक इसके प्रसारण पर रोक लगा दी थी।
आंध्र प्रदेश में 11 अप्रैल को लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने के कारण आरजीवी ने एक मई को फिल्म रिलीज करने की घोषणा की थी।
यह फिल्म पूर्व मुख्यमंत्री एनटीआर की लक्ष्मी पार्वती से दूसरी शादी के बारे में है, जिसके बाद तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के संस्थापक का परिवार विभाजित हो गया था और आखिर में उनके दामाद एन. चंद्रबाबू नायडू ने वर्ष 1995 में पार्टी और सरकार की बागडोर संभाली थी। एनटीआर का जनवरी, 1996 में निधन हो गया था।
तेदेपा के कुछ नेताओं ने अदालत और चुनाव आयोग से चुनावों के मद्देनजर इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की है, क्योंकि फिल्म में तेदेपा प्रमुख और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की नकारात्मक भूमिका दिखाई गई है।