साल 2013 में आई फिल्म फुकरे के उनके किरदार ने इतनी मजबूत रिकॉल वैल्यू हासिल कर ली है कि वरुण शर्मा को 'चूचा' से अलग करना मुश्किल हो गया है. हालांकि उन्हें खुशी है कि फिल्म में उनकी कॉमेडी का जलवा दिखा. वरुण शर्मा का कहना है कि वो अपनी अपकमिंग फिल्मों के साथ कॉमिकल आदमी की इमेज से दूर जाने का प्रयास कर रहे हैं.
"मैं अभिमानी साउंड नहीं करना चाहता, लेकिन कई अभिनेताओं को अपने पात्रों के नाम से याद नहीं रखा जाता हैं. इसलिए मैं हमेशा 'चूचा' का ऋणी रहूंगा. 'फुकरे' ने मेरे लिए गेम चेन्ज कर दिया - पहले मेरा जीवन ऑडिशन के बारे में था. इसकी वजह से अब मैं ऑडिशन में जाने के बजाए स्क्रिप्ट सुनता हूं. ये सच है कि मुझे हमेशा से कॉमेडी फिल्म के स्क्रिप्ट ही मिलते आएं हैं. लेकिन मैं अब सचेत प्रयास कर रहा हूं कि मुझे दूसरी तरह की फिल्मों में काम करने का मौका मिले.''
वरुण शर्मा के लाइन-अप में 'अर्जुन पटियाला', राजकुमार राव के साथ 'रूह अफ्जा' और सोनाक्षी सिन्हा के साथ एक अनटाइटल्ड कॉमेडी शामिल है. लेकिन नितेश तिवारी द्वारा निर्देशित 'छिछोरे' उनके दिल के करीब है. "सेट पर हर दिन कुछ सीखने का अनुभव था. यहां तक कि सबसे कैसुअल चैट में वो इतनी सारी इंसाइट्स साझा करते थे और ये आपके साथ रहता था. शुरू में, मैं डर गया था, क्योंकि उन्होंने दंगल बनाया है, जो भारतीय सिनेमा की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक है. लेकिन जैसे-जैसे समय आगे बढ़ा, काम मजेदार हो गया.''