फिल्म में चार अहम किरदार हैं. हनीफ (करण कपाड़िया), सनी देओल (ATS चीफ एस एस दीवान), तनुश्री दत्ता की छोटी बहन इशिता दत्ता और अभिनेता करणवीर शर्मा. इशिता और करणवीर, सनी देओल के साथ इंटेलिजेंस अफसर के टीम मेंबर होते है और करण कपाड़िया नेगेटिव रोल में है.
बाकी अभिनेताओं की तरह करण डेब्यू फिल्म में नायक की भूमिका में नहीं बल्कि खलनायक की भूमिका में है. डेब्यू फिल्म में नेगेटिव रोल प्ले करना एक बड़ा चैलेंज है और करण काफी हद तक इसमें सफल होते नजर आए. सनी देओल जिनकी पिछली कुछ फिल्में 'भैयाजी सुपरहिट', 'मोहल्ला अस्सी', 'यमला पगला दीवान फिर से' बॉक्स ऑफिस पर असफल हुई थी इस फिल्म में दहशत फैलाने के आतंकवादियों के खतरनाक इरादों को कुचलते नजर आएंगे. उनका ढाई किलो का हाथ जब हनीफ के गालों पर पड़ता है तो खोई याददाश्त में उसे कुछ चीजें याद आने लगती है.
फिल्म की कहानी-
फिल्म एक सुसाइड बॉम्बर हनीफ (करण कपाड़िया) पर आधारित है, मायानगरी मुंबई को खून के आंसू रुलाने के लिए इसके सीने में बॉम्ब फिट किया गया है, उसे कुछ भी नहीं याद रहता कि यह बॉम्ब उसके सीने में कैसे फिट किया गया. अगर उसके सीने से बम निकाला जाता है तब भी धमाका होगा और यदि उसे मार दिया जाता है तब भी धमाका होगा. आतंकियों का एक गिरोह मुंबई में बड़े बम धमाके की योजना बनाता है. वह एक या दो नहीं बल्कि 25 जगह पर एक साथ धमाके करना चाहते है. आतंकियों के यह खतरनाक मंसूबे कामयाब होते हैं या नहीं, हनीफ के सीने से बॉम्ब निकाला जाता है या नहीं इसके लिए आपको सिनेमाघर तक जाना होगा.
फिल्म क्यों देखें
फिल्म में गाने बहुत कम है. आखिर में आपको 'अली- अली' गाने में अक्षय और करण की जोड़ी देखने को मिलेगी.
- फिल्म का निर्देशन बहज़ाद खंबाटा ने किया है, इससे पहले बहज़ाद ने 'ओह माय गॉड', 'बेहेन होगी तेरी' और 'बॉस' जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है.
- सनी देओल की डायलॉग डिलीवरी आपको सीटियां बजाने पर मजबूर कर देंगी.
- करण कपाड़िया को देख नहीं लगता कि यह उनकी डेब्यू फिल्म है. उनके कॉन्फिडेंट और अदायिकी से मालुम होता है कि वह लंबी रेस का घोड़ा है.
- इशिता दत्ता और करणवीर शर्मा ने भी परदे पर अपने अभिनय को संजीदगी से दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ी.
- फिल्म के बैकग्राउंड म्यूजिक पर बारीकी से काम किया गया है.
मून
3