बीते गुरूवार को मध्य प्रदेश के एक समारोह में घूंघट और बुर्का को बैन करने के मुद्दे पर बोल कर लेखक जावेद अख्तर करणी सेना के निशाने पर आ गए हैं. उन्होंने कहा था की राजस्थान में घूंघट की प्रथा भी बैन होनी चाहिए. इस स्टेटमेंट के बाद से जावेद विवादों में घिर गए.
दरअसल शिवसेना ने भारत में भी श्रीलंका की तर्ज़ पर बुर्का बैन करने की मांग की थी. जावेद अख्तर ने अपनी स्टेटमेंट इसी मांग के प्रतिउत्तर में दी थी. जावेद ने कहा कि 'अगर आप बुर्का बैन करना चाहते हैं तो मुझे इससे कोई समस्या नहीं हैं, लेकिन सरकार को चुनाव के आखिरी चरण के पहले राजस्थान में घूंघट की प्रथा को भी बैन करना चाहिए. घूंघट और बुर्का दोनों को ही बैन होने पर मुझे ख़ुशी मिलेगी.'
जावेद अख्तर के इस बयान के बाद से ही करणी सेना का पारा सातवें आसमान पर हैं. करणी सेना जिसे प्रमुख तौर पर विरोध करने और राजपूती सम्मान के लिए संघर्ष करने के लिए जाना जाता हैं. विशेषकर जब बात राजस्थान की हो तो करणी सेना किसी भी हाल में चुप नहीं बैठती हैं.
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महाराष्ट्र करणी सेना के प्रमुख जीवन सिंह सोलंकी ने ट्विटर पर एक वीडियो अपलोड किया हैं. जिसमे वो जावेद अख्तर को धमकी दे रहे हैं की अगर जावेद ने तीन दिन के अंदर अपने बयान के लिए माफ़ी नहीं मांगी तो करणी सेना उन्हें शारीरिक रूप से भी छति पंहुचा सकती हैं. करणी सेना इससे पहले भी हिंसक आंदोलन कर चुकी हैं. फिल्म पद्मावत को बैन कराने के लिए इस संगठन ने देश भर में बेहद उत्त्पात मचाया था.