फिल्म अलीगढ़ की जोड़ी तीन साल बाद फिर से मिल रही है. हंसल मेहता द्वारा निर्देशित 2016 की जीवनी नाटक में प्रोफेसर रामचंद्र सिरास के रूप में प्रभावित करने वाले मनोज बा जपेयी अब अपने राइटर-एडिटर फ्रेंड अपूर्वा असरानी के साथ हाथ मिला रहे हैं. वो एक सह-निर्माता के तौर पर फिल्म बनाएंगे और इसका निर्देशन अपूर्वा करेंगे. मनोज बाजपेयी ने मिरर को बताया, "यह साल के अंत तक पूरी तरह से स्क्रिप्ट के साथ फ्लोर्स पर जाएगा."
निर्देशक की पसंद पर जब मनोज से सवाल किया गया, तो उनका कहना हैं कि उन्होंने हमेशा माना है कि अपूर्व में डायरेक्टर बनने के गुण हैं और उन्हें बहुत पहले ही अपनी दिशा बदल लेनी चाहिए थी. "वो पहले ही काफी देर कर चुके हैं लेकिन कहते हैं ना देर आये लेकिन दुरुश्त आये. अपूर्व के निर्देशन में काम करना एक अच्छा अनुभव होगा.'' वहीं अपूर्व असरानी का कहना हैं कि फिल्म 'सत्या' की शूटिंग के दौरान मनोज बाजपेयी और उनकी दोस्ती हुई थी और फिल्म की एडिटिंग के दौरान वो पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने कहा मुझे डायरेक्शन करना चाहिए और उसी वक्त मैंने एक टिश्यू पेपर लिया और लिखा मेरी पहली फिल्म में मनोज ही काम करेंगे और 1998 में उन्हें मैंने 1 रूपए साइनिंग अमाउंट के तौर पर दिया था.
उनकी अपकमिंग फिल्म पर पूछने पर मनोज कहते हैं कि वो कई विचारों पर काम कर रहें थे, लेकिन जब उन्होंने इस फिल्म का सुझाव दिया, तो अपूर्वा उत्साहित थे. अपूर्व का कहना हैं "यह एक भूले हुए प्रतिभाशाली व्यक्ति की भावनात्मक कहानी है, जो धीरे-धीरे अपना दिमाग खो रहा है. फिल्म यह समझने की कोशिश करती है कि क्या करुणा और विश्वास मानसिक बीमारी को दूर कर सकता हैं.”