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'...ऐसा लगा अब मैं मर जाउंगी' - सुष्मिता सेन

कोई जानता भी नहीं पर सुष्मिता सेन ने साल 2014 में एक बेहद "हिंसक बीमारी" से लड़ रही थीं और अब सालों बाद उन्होंने इस बारे में बात की है. अभिनेत्री सुष्मिता सेन राजीव मसंद के नए शो 'वुमेन वी लव' में दिखाई दीं और दो साल तक एक हार्मोनल बीमारी के साथ उनकी लड़ाई के बारे में बात की और बताया कि इससे ठीक होने में उन्हें दो साल लग गए और साल 2016 में वो इससे बाहर आईं. इससे पहले भी सुष्मिता ने खुलासा किया था कि वह एक बार इतनी बीमार थी कि उन्होंने सोचा कि वह मर सकती है और यही कारण है कि उन्होंने Instagram की दुनिया में कदम रखा.

उन्होंने खुलासा किया कि वह एक जानलेवा बीमारी से गुज़री और कैसे उन्होंने इससे एक बॉस की तरह ललड़ाई की. इस बारे में बात करते हुए सुष्मिता ने कहा, "2014 में, मैंने अपनी बंगाली फिल्म निर्बाक की शूटिंग पूरी कर ली और मैं बहुत बुरी तरह बीमार पड़ गई. और हम यह पता नहीं लगा पाए कि क्या हुआ था. मैं एक दिन एकदम सी गिर गई और बेहोश हो गई और मुझे अस्पताल ले जाया गया. यहां पता चला कि शरीर में एक हार्मोन है जिसे कोर्टिसोल कहा जाता है, मेरी अधिवृक्क ग्रंथियों ने इसे बनाना बंद कर दिया था."

उन्होंने आगे कहा, "मैं उस बेहोशी से बाहर आने के लिए अपने आपको भाग्यशाली मानती हूं क्योंकि, मैं एक बहुत बड़ी मुश्किल में फंस गई थी. इसके बाद हम मेरे अन्य अंगों को एक-एक करके वापस ठीक करने की कोशिश में लग गए. लेकिन किसी कारण की वजह से मैं इन परेशानियों से वापस तो आ गई लेकिन, मुझे जीने के लिए स्टेरॉयड पर निर्भर घोषित कर दिया गया, जिसका अर्थ है कि मुझे हाइड्रोकार्टिसोन नामक दवा लेनी थी, जो कि जीवित रहने के लिए हर 8 घंटे में लेनी होती है. क्योंकि अब मेरे शरीर की जरूरते पूरी नहीं हो रही थीं. मुझे इन दवाइयों का सहारा लेना पड़ा. क्यूंकि मैं एक पब्लिक फिगर हूं, मैं एक पूर्व मिस यूनिवर्स हूं, जिसे बहुत ही खूबसूरत महिला माना जाता है और ऐसे में मेरे बाल गिर रहे हैं और मैं इसे हर दिन और ज्यादा गिरते हुए देख रही हूं, मेरा चेहरा सफ़ेद चांद की तरह श्वेत हो गया था, बहुत कमज़ोर हो गई थी मैं.

उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने जो स्टेरॉयड लिए थे, वे बिल्कुल अलग थे. “यह वो स्टेरॉयड नहीं थे जो आप बाहर काम करने के लिए लेते हैं. यह एक पूरी तरह से अलग स्टेरॉयड है जो आपका वजन बढ़ाता है. आपका ब्लड प्रेशर बहुत तेज़ी से बढ़ता है. मैं बहुत बीमार थी और मैं अभी भी दो बच्चों के साथ एक अकेली मां थी, जिन्हें अलग-अलग तरीकों से मेरी ज़रूरत थी." इसके बारे में आगे बात करते हुए, सुष्मिता ने खुलासा किया, "यदि आप मेरी एनर्जी को मुझसे दूर ले जाते हैं, तो मैं कौन हूं? कुछ भी नहीं! क्योंकि, ये एनर्जी ही है जिससे मुझे पहचाना जाता है. इसलिए,  अगर आप साल 2014 और 2016 में जाकर मुझे देखेंगे तो आपको मैं बिलकुल अलग दिखाई दूंगी. अपने सभी सार्वजनिक अपीयरेंस में मैं बहुत अलग थी, लेकिन इसने मुझे बहुत कुछ सिखाया है.”

सुष्मिता ने कहा, "उन 2 वर्षों के दौरान, मैंने खुद से वादा किया था, मैं लड़ती चली जाऊंगी. मुझे सभी डॉक्टरों ने अपना पेशा बदलने के लिए कहा था, क्योंकि उनका कहना था कि जो चीज़ स्ट्रेस को कंट्रोल करती है वो मेरे शरीर में काम नहीं कर रहा. 2016 के अंत में, अक्टूबर में मैं आखिरकार, बुरी तरह से बीमार पद गई, टूट गई और जब कमज़ोरी की वजह से मैं गिर गई तो मुझे अबू धाबी ले जाया गया क्योंकि वहां क्लीवलैंड अस्पताल है. मैं वहां पहुंची, उन्होंने मुझे स्टेरॉयड दिया, मुझे अस्पताल में भर्ती कराया और उन्होंने दोबारा मेरी जांच की. मुझे दुबई वापस जाने के लिए कहा गया और मैं बड़ी मुश्किल से वहां पहुंची. मैं बहुत ज्यादा कमज़ोर पद रही थी और तुर्की में बैठे डॉक्टर ने मुझसे फ़ोन पर कहा, "सुष्मिता, क्या आप दवाई ले चुकी हैं?" मैंने कहा कि नहीं डॉक्टर मुझे कुछ खाना है उसके बाद मैं दवाई लुंगी." उन्होंने कहा, "आप अभी दवाई ना लें, अभी रुकें." मैंने सोचा कि मैं फिर से क्यों रुकूं? उन्होंने तुरंत कहा कि "आपकी बॉडी अब रिस्पॉन्स दे रही है" उन्होंने आगे कहा "मेरे 35 वर्षीय अभ्यास में अधिवृक्क विफलता वाला कोई व्यक्ति फिर से कोर्टिसोल का उत्पादन नहीं कर पाया है. मुझे खुद इसपर यकीन नहीं हो रहा और मैंने इसे 3 बार चेक किया है.” सुष्मिता ने कहा.

सुष्मिता ने बताया कि बहुत लंबे समय तक वह नहीं जानती थीं कि इस पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाए. उन्होंने कहा "और फिर मैंने स्टेरॉयड को बंद कर दिया और 2016 अक्टूबर से 2018 अगस्त तक, पिछले साल मैं सबसे खराब वापसी के लक्षणों सेगुज़री"

 

(Source: Rajeev Masand)

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