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मेरी पसंद ने साबित कर दिया है कि हर तरह की फिल्म के लिए एक ही दर्शक है: आयुष्मान खुराना

बॉलीवुड स्टार आयुष्मान खुराना को उनकी फिल्मों की कहानी और उनमे उनके द्वारा निभाए गए खास दिरकारो के लिए जाना जाता है. ऐसे में एक्टर जल्द अपनी ऐसी ही तीन फिल्मों के साथ बॉक्स ऑफिस पर सभी का दिल जीतने के लिए आने वाले हैं. बता दें कि आयुष्मान अपनी आने वाली फिल्म 'आर्टिकल 15' में एक पुलिस ऑफिसर के किरदार में नजर आएंगे. जब कि 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' में सेम जेंडर से उन्हें प्यार करते हुए देखा जायेगा. इसके अलावा 'बाला' में एक्टर समय से पहले गंजे होने वाले शख्स की भूमिका में नजर आएंगे. लेकिन अपने लिए इस तरह के विकल्पों को चुनने के बावजूद, आज आयुष्मान बॉलीवुड के सबसे सफल एक्टर्स में से एक बन गया हैं. इस तरह से एक्टर उन लेबल को निकाल देना चाहते हैं, जो फिल्मों को अलग करती हैं. 

एक जाने माने अखबार को दिए अपने एक इंटरव्यू में एक्टर ने कहा है, "जिस तरह से हमने मेनस्ट्रीम सिनेमा को परिभाषित किया है वह टेढ़ा और भेदभाव से भरा है. हर फिल्म के लिए उसका अपना एक दर्शक वर्ग होता है. यही सिनेमा की खूबसूरती है कि यह सब्जेक्टिव है, जो लोगो के पर्सनल रिएक्शन को बाहर लाता है. फ़िल्में अक्सर समान विचारधारा वाले लोगों का मनोरंजन करती हैं." आगे एक्टर ने कहा, "लोग फिल्मों को जज करते हैं और यह भेदभावपूर्ण है. मैंने इस भेदभाव से लड़ाई लड़ी है और अपने पूरे करियर में ऐसा करना जारी रखूंगा. शुक्र है कि मेरी पसंद ने साबित कर दिया है कि हर तरह की फिल्म के लिए एक दर्शक है."

(यह भी पढ़ें: विकी कौशल, आयुष्मान खुराना और राजकुमार राव में से कौन बनेगा 'भूल भुलैया' के डायरेक्टर की पसंद, निभाएगा लीड रोल?)

आयुष्मान ने यह बताया कि फिल्म निर्माता अक्सर "फिल्म" के अर्थ और उसके सौंदर्य के साथ समझौता करते हैं ताकि उसे " मैसी" बनाया जा सके. इस बारे में आयुष्मान ने कहा, "हर फिल्म का एक अलग उद्देश्य होता है. फिल्म में अलग और शक्तिशाली कहानी होना बहुत अच्छी बात है. मेनस्ट्रीम एक गाली जैसा शब्द है. मेरे लिए मेनस्ट्रीम  सिनेमा कोई भी फिल्म है जिसे लोग अपने पर्सनल कारण की वजह से देखना पसंद करेंगे. दुनिया एंटी-लेबल हो चुकी है और अब ऐसा करने के लिए हमारे इंडस्ट्री की बारी है."

(Source: Mid-Day)

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