बॉलीवुड एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने मी टू कैंपेन के तहत नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. जिसके बाद यह मामला कई दिनों तक सुर्खियों में बना रहा. लेकिन MSCW (महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग) की चेयरपर्सन विजया रहाटकर ने इस बुधवार यह कहा कि एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता एक्टर नाना पाटेकर और अन्य के खिलाफ निर्देशित यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में अधिक जानकारी प्रस्तुत करने के लिए समन के बावजूद महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग के सामने पेश होने में विफल रहीं.
आपको बता दें कि तनुश्री ने उन पर मामले में उनकी मदद नहीं करने और नाना पाटेकर को क्लीन चिट दिलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. आयोग ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा है कि तनुश्री की शिकायत पर सभी कानूनी कार्रवाई की गई थी, जो ऐसे मामलों में की जानी चाहिए.
एक जाने माने अखबार से हुई बातचीत में विजया रहाटकर ने कहा है, "तनुश्री द्वारा की गई शिकायत के बाद आयोग ने मामले से जुड़े लोगों को नोटिस भेजा. पीड़िता को भी सीधे आने और उसकी शिकायत के बारे में जानकारी देने की आवश्यकता थी, जो नहीं किया गया. जिसके बाद अदालत में पुलिस द्वारा रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद एक्टर नाना पाटेकर की क्लीन चिट के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है. अदालत ने बी समरी रिपोर्ट (दावे के समर्थन में कोई सबूत नहीं) प्राप्त की और उसके अनुसार प्रक्रिया शुरू की. रिपोर्ट जारी होने के बाद, तनुश्री को एक नोटिस पीरियड दिया गया है."
इस महीने की शुरुआत में, मुंबई पुलिस ने नाना पाटेकर और तीन अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर के संबंध में एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी.
(Source: Deccan Chronicle)