हाल ही में रिलीज़ हुई एक्टर शाहिद कपूर की फिल्म 'कबीर सिंह' बॉक्स-ऑफिस पर निरंतर बेहतर प्रदर्शन कर रही है. कमाई के लिहाज से देखा जाए तो यह फिल्म एक्टर के करियर के बड़ी फिल्मों में से एक है. लेकिन रिलीज़ के बाद फिल्म की पटकथा और उसमें कहानी के नायक के एग्रेसिव मोड की काफी आलोचना भी हो रही है. इन आलोचनाओं के बीच शाहिद की मां नीलिमा अज़ीम ने फिल्म को एक इंटेलिजेंट रीमेक करार दिया है.
नीलिमा ने फिल्म के प्रति अपना पक्ष रखते हुए कहा 'एक्टर्स को नैतिक रूप से विवादास्पद चरित्रों को निभाने की स्वतंत्रता है क्योंकि वे चैलेंजिंग भूमिकाओं के लिए बनते हैं. कल, यदि आप एक मनोरोगी सीरियल किलर की भूमिका निभाते हैं, तो क्या फिल्म देखने वाला हर व्यक्ति सीरियल किलर हो जाएगा? दिलीप कुमार साब और राजेश खन्ना ने 'अमर' और 'रेड रोज' में ग्रे भूमिकाएं निभाईं. तो क्या हर ग्रे भूमिका को खत्म कर दिया जाए?
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उन्होंने आगे कहा 'हॉलीवुड में अभिनेताओं ने इन जैसे पात्रों के लिए ऑस्कर जीता है. यदि हम ऐसी फिल्में नहीं बना सकते हैं, तो हमें मार्लन ब्रैंडो की 'A Streetcar Named Desire', 'गॉडफादर' और हीथ लेजर की 'जोकर (द डार्क नाइट)' जैसी फिल्मों को स्क्रैप करना होगा. हमें यह समझने की जरूरत है कि यह एक कहानी है न कि नैतिकता पर दिया गया व्याख्यान.
नीलिमा ने शाहिद के किरदार को ध्यान में रखते हुए कहा 'यह एक हार्ड हिटिंग फिल्म है, और यह दिखाता है कि विश्वविद्यालय में स्टूडेंट अपनी दादी के निधन के बाद घर लौटने पर बदल जाता है. वह अपने रवैये के कारण पीड़ित है. फिल्म इस किरदार महिमामंडन नहीं कर रही है. इसके बजाय, यह आपको कबीर सिंह की तरह ना बनने के चेतावनी दे रही है.
(Source: Mid Day)