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जन्म से पहले सर से उठा पिता का साया, मां के एक्सीडेंट के बाद छोड़ी नौकरी, ऐसी है बोमन ईरानी कहानी

भले बोमन ईरानी को पहली फिल्म 35 साल की उम्र में मिली है लेकिन उनकी स्ट्रगल के दिनों की कहानी जान हर उम्र के लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए कि जीवन में कभी देर नहीं होता. 'जब जागो तब सवेरा.' 

ऑफिशियल ह्यूमन्स ऑफ़ बॉम्बे के साथ बोमन ने अपने स्ट्रगलिंग डेज , बचपन, और कॉलेज के दिनों की बातें शेयर की. बोमन को इंडस्ट्री में पहला बड़ा ब्रेक 35 साल की उम्र में विदुः विनोद चोपड़ा की फिल्म 'मुन्ना भाई एम बी बी एस में मिला.' 

बोमन ने बताया, 'मेरे जन्म से पहले मेरे पिता का निधन हो गया था. वह वेफर की शॉप चलाया करते थे. उनके निधन के बाद मां उस दूकान को संभालने लगी. मैंने उन्हें अकेले संघर्ष करते देखा था. स्कूल पूरा होने के बाद मैंने साइंस लिया.  उसके बाद भी में थिएटर और दूसरी चीज़ों में हिस्सा लेता था. कॉलेज ख़त्म होने के बाद मुझे परिवार की जिम्मेदारियां संभालनी थी. एक दिन नौकरी के लिए में ताज होटल के मैनेजर से मिला और होटल की छत पर बनें रेस्टोरेंट में काम करने के लिए पूछा. उसने मुझसे कहा, ऊंचाई पर पहुंचने के लिए तुम्हे निचे से शुरू करना होगा. उसे मुझे होटल की रूम सर्विस के लिए रख लिया. डेढ़ साल काम करने के बाद मुझे उसी रेस्टोरेंट में वेटर की नौकरी मिल गई. कुछ दिन बाद मेरी मां का एक्सीडेंट हो गया है और दूकान पर बैठने के लिए मुझे अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी. इन सब के बीच 14 साल बीत गए. इसी दौरान में अपनी पत्नी से मिला, शादी की और बचें भी हो गए. मेरी पत्नी ने मुझे जीवन में कुछ और करने के लिए प्रोत्साहित किया. मुझे फोटोग्राफी का शौक है और मेरे पिता को यह बहुत पसंद था. मैंने फोटोग्राफी करना शुरू किया, थोड़े परेशानियों के बाद मैं अच्छा करने लगा. मैंने 180 ऐड फिल्म्स की और कुछ प्ले भी किए हैं. मेरे अभिनय देखने के बाद मुझे एक शॉर्ट फिल्म ऑफर हुई. यह लो बजट शॉर्ट फिल्म थी लेकिन मेरे लिए सुनहरा मौका था. मेरी लाइफ तब बदली जब विदुः विनोद चोपड़ा ने फिल्म मुन्ना भाई एम बी बी एस के लिए मुझे साइन किया और 2 लाख का चेक दिया. 

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