दूरदर्शन, भारत सरकार द्वारा स्थापित एक ऑटोनॉमस पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टर है, जो भारत के प्रसारण मंत्रालय द्वारा कंट्रोल किया जाता है, ये भारत में सबसे अधिक देखे जाने वाले और प्रसिद्ध चैनलों में से एक है,स्टूडियो और ट्रांसमीटर बुनियादी ढांचे में भारत के सबसे बड़े प्रसारण संगठनों में से एक, यह 15 सितंबर 1959 को स्थापित किया गया था.
इसे भारतीय प्रसारण चैनलों के गौरव के रूप में माना जाता है, लेकिन अब सब इस चैनल में ठीक नहीं दिख रहा है, दूरदर्शन के कई डॉक्यूमेंट्री, फुटेज, एक्सक्लूसिव इंटरव्यू और सीरियलों के फुटेज मिसिंग हैं. हैरत की बात तो ये है कि इस पर दूरदर्शन से जुड़ा कोई भी अधिकारी जवाब भी नहीं दे रहा है.
फिल्म निर्माता और लेखक सई परांजपे, जो संयोग से नई दिल्ली में डीडी में एक निर्माता के रूप में भर्ती होने वाली पहली छह महिलाओं में से एक थीं, ने कहा है कि, ‘सालों से, मैं अधिकारियों और वरिष्ठ अधिकारियों से पूछ रही हूं, मेरे कार्यक्रमों के बारे में,लेकिन अब इस तरह के रवैये से मैं भी परेशान हो गयी हूं.’
70 के दशक में न्यू वेव सिनेमा से बॉलीवुड की पहचान कराने वाले निर्देशक श्याम बेनेगल ने भी इस पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि ‘ये वास्तव में एक शर्म की बात है, डीडी को पुणे में भारतीय राष्ट्रीय फिल्म आर्काइव को अपनी सामग्री सौप देना चाहिए था, ये भी एक रहस्य ही है कि डीडी ने अब तक कितनी सामग्री वहां जमा की है, ये सब सिनेमा की राष्ट्रिय विरासत हैं इनकी देखभाल करना जिम्मेदारी वाला काम है.’
हालांकि, जवाहरलाल नेहरू की पुस्तक डिस्कवरी ऑफ इंडिया पर आधारित बेनेगल की सीरीज भारत एक खोज (1988) के कुछ एपिसोड यूट्यूब पर आधिकारिक रूप से अपलोड किए गए हैं, लेकिन 35 मिमी गेज पर शूट किए गए मूल टेप गायब हो गए हैं. श्याम बेनेगल ने कहा, ‘आर्काइव में स्टोरेज की सुविधाएं काफी भयानक हैं’, मुझे नहीं मालुम कि 53 एपिसोड में से कितने अभी भी बचे हैं.’
(Source-Mumbai Mirror)